(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jabalpur: बांधवगढ़ नेशनल पार्क में उत्पात मचाने वाला हाथी किया गया रेस्क्यू, भेजा गया कान्हा नेशनल पार्क
जबलपुर में बांधवगढ़ नेशनल पार्क और उमरिया जिले में काफी हुड़दंग मचाने वाले हाथी को रेस्क्यू करके मण्डला जिले के कान्हा नेशनल पार्क पहुंचा दिया गया है. इस हाथी को ट्रेनिंग देकर अनुशासित बनाया जाएगा.
जबलपुर: बांधवगढ़ नेशनल पार्क और उमरिया जिले में उत्पात मचाने वाले एक जंगली हाथी को रेस्क्यू करके मण्डला जिले के कान्हा नेशनल पार्क पहुंचा दिया गया है. यहां इसे ट्रेंड करके पालतू हाथी बनाया जाएगा,जिसे बाद में वन विभाग की ड्यूटी में लगाया जाएगा. वैसे यह पहली बार है जब बांधवगढ़ नेशनल पार्क से किसी हाथी को रेस्क्यू किया गया है. बांधवगढ़ से कान्हा नेशनल पार्क की दूरी तकरीबन ढाई सौ किलोमीटर है.
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में वन विभाग की टीम ने खितौली परिक्षेत्र के ढमढमा इलाके में एक्सपर्ट वेटनरी डॉक्टर नितिन गुप्ता की मदद से पहले हाथी को ट्रेंकोलाइज किया फिर उसे पकड़ कर ट्रक में सावधानी से कान्हा नेशनल पार्क के लिए रवाना किया गया. इस दौरान बांधवगढ़ नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर लवित भारती भी मौजूद थे.
एक नर हाथी भटककर आसपास के ग्रामीण इलाके में पहुंच गया था
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि जंगली हाथियों का एक झुंड 2018 में छत्तीसगढ़ से भटकर बांधवगढ़ नेशनल पार्क के एरिया में आ गया था. बाद में हाथियों का झुंड तो आगे बढ़ गया लेकिन उनमें से एक नर हाथी भटककर आसपास के ग्रामीण इलाके में पहुंच गया. इसके बाद वह लगातार इसी इलाके में विचरण करते हुए किसानों की फसल बर्बाद करने लगा. किसानों की शिकायत के बाद प्रशासन ने इसे मंडला जिले के कान्हा नेशनल में भेजने का निर्णय लिया.
हाथी को ट्रेनिंग देकर बनाया जाएगा अनुशासित
कान्हा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर एस के सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में जंगली नर हाथी के बांधवगढ़ से कान्हा पहुंचने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि अब इस हाथी को तकरीबन एक साल तक ट्रेनिंग देकर पालतू हाथी जैसा अनुशासित बनाया जाएगा. जिसके बाद यह दूसरे पालतू हाथियों जैसा वन विभाग के लिए सेवा दे सकेगा.
मण्डला जिले से भी पिछले साल एक हाथी किया गया था रेस्क्यू
बता दें कि इसी तरह पिछले वर्ष भी एक जंगली हाथी को मण्डला जिले में रेस्क्यू करके कान्हा नेशनल पार्क लाया गया था. यह हाथी अपने एक साथी के साथ पहले जबलपुर पहुंच गया था.यहां शिकारियों द्वारा बिजली के करेंट के साथ लगाए गए फंदे में फंसने से उसके साथी की मौत हो गई थी.बाद में दूसरा हाथी मंडला जिले के सीमा में चला गया था. उसेअब ट्रेनिंग के बाद वन महकमे की सेवा में लगा दिया गया है.
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