Worker on Strike: हड़ताल पर चल रहीं लहार क्षेत्र की महिला बाल विकास विभाग की अंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और चार पर्यवेक्षकों और एक परियोजना अधिकारी पर निलंबन की कार्रवाई की गई है.इसके खिलाफ सभी सीडीपीओ, पर्यवेक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तक लामबंद हो गए हैं. उन्होंने भिंड कलेक्ट्रेट का घेराव करने की धमकी दे डाली.इसके बाद पुलिस ने कलेक्ट्रेट को छावनी बना दिया. कलेक्ट्रेट में तैनात महिला कर्मचारी को छोड़कर किसी भी महिला को कलेक्ट्रेट के अंदर प्रवेश पर रोक लगा दी गई.
कबसे हड़ताल पर हैं कर्मचारी
पूरे मध्य प्रदेश में 15 मार्च से महिला बाल विकास विभाग के सीडीपीओ,पर्यवेक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,सहायिका हड़ताल पर चल रहे हैं. इसके लिए उन्होंने संयुक्त मोर्चा भी बनाया है. उन्होंने हड़ताल की सूचना कलेक्टर और कमिश्नर को भी दे दी थी. इसके बाद भी अनुपस्थिति रहने पर भिण्ड के डीपीओ अब्दुल गफ्फार के प्रतिवेदन पर कलेक्टर सतीश कुमार एस ने चार पर्यवेक्षकों को निलंबित कर दिया. रौन परियोजना की परियोजना अधिकारी को निलंबित करने का प्रस्ताव कमिश्नर को भेज दिया था.
प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ रोष
प्रदेश भर में चल रही हड़ताल पर केबल भिंड जिले में हुई इस कार्रवाई से पूरे प्रदेश के सीडीपीओ पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लामबंद हो गए. वो संयुक्त मोर्चे के नेतृत्व में भिंड में जमा होने लगे. इससे जिला प्रशासन की सांसें फूलने लगीं. पुलिस ने कलेक्ट्रेट को छावनी में तब्दील कर दिया.स्थिति को बिगड़ती देख भिड़ कलेक्टर ने संयुक्त मोर्चे के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बात करने के लिए बुलाया.प्रतिनिधिमंडल से बात होने के बाद कलेक्टर ने निलंबित पर्यवेक्षकों को बहाल करने का आश्वासन दिया तब जाकर कहीं कलेक्ट्रेट का घेराव का कार्यक्रम रोका गया.
वहीं जब इस मामले पर जिला कार्यक्रम अधिकारी अब्दुल गफ्फार का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो वो कैमरे के सामने मुंह छुपाते हुए नजर आए और किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया.
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