भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र (Dr narottam Mishra) ने कहा है कि प्रदेश में शांति और सौहार्द का वातावरण बनाए रखने के लिए गरबा के आयोजकों को पहचान पत्र देखकर प्रवेश देने के निर्देश दिए गए हैं. नवरात्री (Navratri 2022) का पर्व सोमवार से शुरू हुआ है. इस बार दो साल बाद नवरात्री में गरबा व डांडिया का आयोजन किया जा रहा है.कोरोना की वजह से दो साल तक नवरात्री ने गरबा और डांडिया का आयोजन नहीं हुआ था.
एमपी के गृहमंत्री ने गरबा पर क्या कहा है
नरोत्तम मिश्रा ने एक ट्वीट में कहा, ''मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्रि हमारी आस्था का केंद्र है. ऐसे पावन अवसर पर शांति और सौहार्द का वातावरण बना रहे, इसलिए आयोजनकर्ताओं को गरबा आयोजनों में पहचान पत्र देखकर ही प्रवेश देने के निर्देश दिए गए हैं.''
इससे पहले भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने इसी तरह का एक आदेश जारी किया था. उन्होंने कहा था कि सभी गरबा आयोजनों में गरबा खेलने वालों को आई कार्ड देख कर ही प्रवेश दिया जाएगा.यह पहली बार है जब प्रदेश में गरबा आयोजनों में आई कार्ड के आधार पर प्रवेश देने का आदेश शासन-प्रशासन ने दिया है.
बीजेपी नेताओं ने की थी मांग
इस फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है.कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि गरबा मां की स्तुति, मां की पूजा अर्चना हैं. उनको प्रसन्न करने के लिए गरबा नृत्य किया जाए, गरबा कोई मनोरंजन का साधन नहीं.आयोजकों को ध्यान रखने की जरूरत की कोई अनर्गल चीज न होने पाए.
बीजेपी के सांसद प्रज्ञा ठाकुर,प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर और उमा भारती जैसे बीजेपी नेताओं और कुछ हिंदूवादी संगठन लगातार गरबा आयोजनों में लव जिहाद का आरोप लगा रहे थे. उनकी मांग थी कि गरबा के आयोजनों में मुस्लिम युवाओं को प्रवेश न दिया जाए.
संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि था अगर कुरान मूर्ति पूजा की इजाजत देता है और आप मूर्ति पूजा करना चाहते हैं तो गरबा पंडाल में आएं.इसके अलावा उन्होंने कहा था कि संस्कृति विभाग सभी कलक्टरों को पत्र लिखेगा. इसमें उनसे कहा जाएगा कि बिना पहचान पत्र के किसी को भी गरबा में प्रवेश न दिया जाए.
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