मंदसौर: जैसे ही एक क्लर्क ने रिश्वत के 20 हजार रुपये अपनी जेब में डाले वैसे ही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने उसे दबोच लिया. क्लर्क के पास से 20 हजार रुपये की नकदी मिलने के बाद उनकी पैंट उतारी गई और उसके हाथ धुललाए गए. इससे लाल रंग छूट गया. इसे ईओडब्लू की टीम ने रिश्वत वाले नोट पर लगाया था.


इस काम के लिए मांगी थी रिश्वत


मंदसौर के पीएचई विभाग में सैयद मुजीब रहमान क्लर्क के पद पर पदस्थ हैं. उनके पास उज्जैन में रहने वाले प्रेमशंकर प्रधान की पेंशन का मामला पहुंचा था. इस पेंशन के प्रकरण को निपटाने के लिए सैयद मुजीब रहमान में 1 लाख की रिश्वत मांगी थी. इसके बाद उनके बीच पैसों को लेकर बातचीत हुई तो शुक्रवार को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेकर प्रेमशंकर को बुलवाया गया. 


प्रेमशंकर ने घटना की सूचना ईओडब्लू को दे दी. ईओडब्लू की टीम ने जाल बिछाकर उस समय मुजीब रहमान को पकड़ लिया जब उन्होंने प्रेमशंकर से 20 हजार रुपये की रिश्वत लेकर अपनी पैंट में रखे. ईओडब्लू के डीएसपी अजय कैथवास ने बताया कि पहले तो हाथों को धुलवाया गया, जिससे लाल रंग छूट गया. इसके बाद उनकी पैंट को जब्त कर लिया गया. रिश्वत के नोटों से पैंट की जेब का रंग भी लाल हो गया. इस मामले में ईओडब्लू ने मुजीब रहमान को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया.


फरियादी की दोनों फाइलें भी आरोपी से जब्त


प्रेमशंकर ने ईओडब्लू को बताया कि वे उज्जैन के मूल निवासी हैं, जबकि मंदसौर में हैंडपंप टेक्नीशियन के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. उनका कुछ ही समय पहले रिटायरमेंट हुआ है, लेकिन पेंशन प्रकरण नहीं बनने की वजह से उन्हें पेंशन भी नहीं मिल पा रही थी. जावरा निवासी क्लर्क मुजीब रहमान के पास लेखापाल का भी चार्ज था. जब उनसे पेंशन प्रकरण निपटाने को कहा गया तो उन्होंने एक लाख की रिश्वत मांगी. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने मुजीब रहमान के पास से फरियादी की पेंशन की दोनों फाइल भी जब्त कर ली हैं. 


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