Jabalpur News: मनरेगा में गोलमाल करने वालों के खिलाफ 7 साल बाद लिया गया फैसला, जानें ईओडब्ल्यू ने क्या किया
ग्राम पंचायत तिलगवां में 2014 में कराये गए मनरेगा के कार्य में भ्रष्टाचार की शिकायत हुई थी. शिकायत पर जांच के बाद 2015 में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का प्रकरण दर्ज किया गया था.

Jabalpur News: केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना महात्मा गांधी नेशनल रोजगार योजना में भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने जबलपुर की विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. पनागर के तिलगवां ग्राम पंचायत द्वारा 2014 में कराए गए मनरेगा के कार्य में अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर 2 लाख रुपये का भ्रष्टाचार किया. राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ईओडब्ल्यू ने इस मामले में 7 साल बाद कोर्ट चालान पेश किया.
क्या था मामला
एसपी ईओडब्ल्यू देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत के मुताबिक ग्राम पंचायत तिलगवां में 2014 में कराये गए मनरेगा के कार्य में भ्रष्टाचार की शिकायत हुई थी. शिकायत पर जांच के बाद 2015 में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का प्रकरण दर्ज किया गया था. मामले में जनपद पंचायत पनागर के तत्कालीन सीईओ महबूब खान, उपयंत्री पंकज मुड़िया, सरपंच कृष्णा यादव और सचिव कल्लू राय को आरोपी बनाया गया था.आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धारा लगाई गई.
तीन के खिलाफ चालान पेश
ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद पंकज मुड़िया और दो सप्लायर्स विजय यादव व महेंद्र श्रीवास के खिलाफ शुक्रवार को विशेष कोर्ट में चालान पेश किया. सीईओ, सरपंच व सचिव के खिलाफ चालान पेश करने की अनुमति अभी मिली नहीं है.उनके खिलाफ सरकार से विभागीय अनुमति मिलने के बाद चार्जशीट दाखिल की जाएगी.आरोपियों ने मनरेगा के कार्यों में दो लाख रुपए की धोखाधड़ी कर शासन को आर्थिक चपत लगाई थी.
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