सीहोर:  एमपी के सीहोर जिले में रविवार रात एक किसान ने कर्ज से तंग आकर अपने घर में  कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना भंवरा गांव की है. किसान के ऊपर तीन बैंकों एवं प्राइवेट समूह का कर्ज था.  यह गांव आष्टा विधानसभा क्षेत्र में आता है. खास तौर पर यह गांव सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में आता हैं. मृतक किसान की उम्र में 42 साल है.  


किसान पर कई बैंकों का कर्जा था


मृतक किसान की पत्नी और बड़े भाई नारायण परमार परिजन  के अनुसार मृतक किसान कमल परमार पर जिला सहकारिता,आईसीसी,देना बैंकों का कर्ज था. दो साल से वह कर्ज नहीं चुका पा रहा था. इस कारण से वह मानसिक दबाब में था. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार आईसीसी बैंक का तीन लाख और जिला सहकारिता बैंक का 62  हजार रूपये का कर्जा और उसने प्राइवेट समूह से लोन भी ले रखा था .


2020 का फसल बीमा का मुआवजा भी नहीं मिला था


मृतक किसान के परिजनों ने बताया कि किसान कमल परमार को 2020 का फसल बीमा का मुआवजा भी नहीं मिल पाया था. इस पूरी घटना को जानने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम सीहोर जिले से 60 किलोमीटर दूर भंवरा गांव पहुंची. यहां परिजन और ग्रामीणों से चर्चा की वही परिजनों का कहना है कि  सरकार अब मृतक के बच्चों को पालने के लिए मदद करें.


गौरतलब है कि पिछले  पांच साल में सीहोर जिले में दस से अधिक किसानों ने कर्ज की वजह से आत्महत्या की है.


  किसान कर चुके हैं आत्महत्या



  •  इछावर के ग्राम जोगड़ाखेड़ी के किसान विजय सिंह सूर्यवंशी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस पर पांच लाख का कर्ज था.

  • रेहटी के ग्राम जंजना में किसान दुलीचंद कीर ने जहरीला पदार्थ खा कर आत्महत्या कर ली थी. इस पर करीब पांच लाख का कर्ज था.

  • आष्टा के ग्राम बापचा बरामद में किसान खाजू खां ने खाद बीज की किल्लत के चलते पेड़ पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी.

  • नसरुल्लागंज के ग्राम लाचौर में 23 वर्षीय किसान मुकेश पिता शिवराम यादव ने जगह खा कर आत्महत्या कर ली थी. मुकेश पर करीब 5 लाख रुपए का कर्ज था.

  • श्यामपुर तहसील के ग्राम जमोनिया खुर्द में बंसीलाल पिता हिरालाल उम्र 50 साल ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी. बंसीलाल पर करीब 9 लाख रुपए का कर्ज था.

  • बुधनी के ग्राम गुआड़िया के किसान शत्रुघन मीणा ने साहूकार के कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी. शत्रुघन ने एक सूदखोर भाजपा नेता से 5 लाख रुपए कर्ज लिया था.

  • इछावर के ग्राम पालखेड़ी के किसान बाबूलाल मालवीय ने साल्फास खा कर आत्हत्या कर ली थी. बाबूलाल पर करीब बैंक, सोसाइटी और फाइनेंस कंपनी का करीब ढ़ाई लाख रुपए का कर्ज था.

  • सीहोर के ग्वालटोली निवासी किसान जगदीश पिता नारायण यादव ने सोयाबीन की फसल खराब होने और कर्ज चुकाने के तानव में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी. उसका शव संदिग्ध हालत में खेत पर मिला था.

  • सीहोर के ग्राम इमलीखेड़ा के 55 वर्षीय किसान महेरिया पिता गोपाल सिंह बारेला ने गमछे से फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली थी. महेरिया पर करीब एक लाख रुपए का कर्ज था.


जिला प्रशासन कर्ज से किसानों की आत्महत्या की बात नहीं मान रहा है


इसके बाद मंगलवार को अहमपुर के ग्राम पथरिया में सूरज सिंह ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. लेकिन जिला प्रशासन एंव स्थानीय प्रशासन ने एक भी किसान मौत का कारण कर्ज को नहीं माना. लेकिन जिले में कर्ज के कारण तनाल में चल रहे किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन ने एक भी किसान की मौत को कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने कारण नहीं माना है. पिछले पांच साल मे जो किसानों की मौत हुई है उसे प्रशासन ने  निजी और परिवारिक कारण बताया है. प्रशासन की जांच की सुई किसानों के कर्ज और फसल खराब होने के कारणों की ओर घूम ही नहीं थी. वहीं आष्टा तहसीलदार रघुवीर सिंह मरावी का कहना है कि इस मामले की जांच करा रहे हैं.जांच के बाद स्पष्ट होगा कि किसान की मौत का क्या कारण है.


ये भी पढ़ें


UP JASE Results 2021: उत्तर प्रदेश जूनियर एडेड सेलेक्शन एग्जाम के नतीजे घोषित, इन स्टेप्स से करें चेक


Lucknow University B.Ed Counselling 2021: लखनऊ यूनिवर्सिटी के माइनॉरिटी कॉलेजेस में अलग से होगी बीएड काउंसलिंग, आज से आरंभ हुए आवेदन