MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जनता के त्वरित कामों के निराकरण के लिए दिए जाने वाले निर्देशों पर उन्हीं के जिले के अफसर अमल करने में गंभीरता नहीं दिखा पा रहे हैं. ताजा मामला सीहोर जिले में देखने को मिल रहा है. 12 दिन पहले ग्राम जैत में आयोजित मुख्यमंत्री जन सेवा निवारण शिविर के दौरान मुख्यमंत्री ने एक किसान के धान तुलाई की राशि प्रदान किए जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में किसान अब तक असंतुष्ट ही है.


लल्लू सिंह ने दिया था सीएम को आवेदन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ग्राम जैत के नजदीक ग्राम डोबी के किसान लल्लू सिंह ने साल 2021 के नवंबर महीने में अपनी 500 क्विंटल धान नीलम वेयर हाउस पर तुलवाई थी. पूरे एक साल बीत जाने के बाद भी लल्लू सिंह को अपनी धान तुलाई की राशि नहीं मिल सकी है. लल्लू सिंह के अनुसार उनकी यह राशि 10 लाख रुपये बनी है. इस राशि के लिए लल्लू सिंह ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित अफसरों से भी गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी. बीते दिनों में 27 अक्टूबर को भाई दूज के मौके पर जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गृह ग्राम जैत आए तो यहां जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया. इस इस दौरान लल्लू सिंह ने भी मुख्यमंत्री को इस समस्या के निराकरण के लिए आवेदन दिया था. 


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सीएम ने लल्लू सिंह को बुलाया था मंच पर
आवेदन को देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान लल्लू सिंह को मंच पर बुलाया था. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से जानकारी चाही और मंच पर सहकारिता और मार्केटिंग फेडरेशन के ऑफिसर प्रशांत और मुकेश श्रीवास्तव को बुलाया. जब मुख्यमंत्री ने इनसे जानकारी चाही तो अधिकारियों ने बताया कि 163 किसानों का पेमेंट कर दिया गया है, बस यही रह गए थे. जिस पर मुख्यमंत्री ने किसान लल्लू सिंह के पेमेंट को करने के निर्देश दिए थे.


12 दिन बाद भी नहीं मिला पैसा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों के बाद भी किसान लल्लू सिंह को उनकी धान तुलाई का पैसा नहीं मिला है. इस मामले में जब ग्राम डोबी पहुंचकर किसान लल्लू सिंह से जानकारी चाही तो लल्लू सिंह ने बताया कि अब तक उनसे इस संबंध में किसी भी अधिकारी ने बात नहीं की है. धान तुलाई का पैसा नहीं मिल पाने की वजह से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. मेरे ऊपर लाखों रुपये का कर्ज है और कर्जदार पैसे लेने घर तक आते है लेकिन मुख्यमंत्री के कहने के बाद भी अफसरों ने मुख्यमंत्री के निर्देश को नजरअंदाज कर दिया है.