MP में खाद पर सियासत: यूरिया को लेकर किसान और सरकार के दावों में बड़ा अंतर, जानें क्या है हकीकत
MP: यूरिया की कमी का लाभ माफिया भी उठा रहे हैं. मंदसौर जिले में कुछ दिनों पहले ही नकली खाद का मामला पकड़ाया है. इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हो गया है. पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही है.
Bhopal News: मध्य प्रदेश में यूरिया (Urea) को लेकर सियासत गरमा गई है. सरकार और प्रशासन का दावा है कि मध्य प्रदेश में पर्याप्त यूरिया मौजूद है लेकिन किसानों का कहना है कि अधिकारियों का दावा गलत है. उज्जैन संभाग में किसान यूरिया की मांग को लेकर लगातार आंदोलन रहे हैं.
कांग्रेस नेता पर लगा यूरिया लूटने का आरोप
उल्लेखनीय है कि रतलाम जिले के आलोट तहसील के कांग्रेस विधायक मनोज चावला पर यूरिया लूटने का आरोप लगा है. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है. यूरिया लूटने के मामले में कांग्रेस के नेता योगेंद्र सिंह जादौन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि विधायक मनोज चावला अभी भी फरार बताए जा रहे हैं. पूरे मामले को लेकर सरकार और किसान के दावों में काफी अंतर दिखाई दे रहा है.
अधिकारी बोले- खाद की कोई कमी नहीं
रतलाम कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के मुताबिक रतलाम जिले में यूरिया की किल्लत नहीं है. प्रबंधन को लेकर जो कमी थी उसे भी दूर कर लिया गया है, जबकि जावरा के किसान राधेश्याम का कहना है कि यूरिया के लिए भटकना पड़ रहा है. एक सोसाइटी से दूसरी सोसाइटी के चक्कर लगवाए जा रहे हैं. इसी तरह देवास जिले का भी यही हाल है यहां पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. देवास जिले में किसानों ने खाद की किल्लत के चलते चक्का जाम कर दिया जबकि अधिकारी पर्याप्त खाद उपलब्ध होने की बात कह रहे हैं.
नकली खाद का मामला पकड़ाया
यूरिया की कमी का लाभ माफिया भी उठा रहे हैं. मंदसौर जिले में कुछ दिनों पहले ही नकली खाद का मामला पकड़ाया है. इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हो गया है. पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही है. नकली खाद के बाजार में आने की खबरों को लेकर कृषि विभाग लगातार नजर रख रहा है.
आगर मालवा, शाजापुर, उज्जैन के किसान भी परेशान
उज्जैन संभाग की अधिकांश तहसीलों में यूरिया की कमी की शिकायतें सामने आ रही हैं. किसानों का आरोप है कि कहीं पर प्रबंधन की कमी है तो फिर कहीं पर खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है. इसी वजह से किसानों को घंटों तक कतार में लगना पड़ रहा है. सबसे पहले सोसायटी पर टोकन बांटे जाते हैं. इसके बाद कतार लगवा कर खाद दी जा रही है.
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