देश का सबसे बड़ा ईथेन क्रैकर प्लांट खुलने से पहले ही विवाद, किसान बोले- ‘मर जाएंगे लेकिन...’
Ethane Cracker Plants: देश के सबसे एथेन क्रैकर प्लांट के लिए जमीन देने से किसानों ने इनकार कर दिया. अधिकारी जब जमीन सीमांकन के लिए पहुंचे तो किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया.
MP News: राजधानी भोपाल से 80 किलोमीटर दूर सीहोर जिले के आष्टा में देश के सबसे बड़े एथेन क्रैकर प्लांट को खोलने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तरफ से कुछ दिन पहले ही स्वीकृति दी गई है. लेकिन एथेन क्रैकर प्लांट खुलने से पहले ही इसके खिलाफ विरोध भी शुरू हो गया है. किसानों ने एथेन क्रैकर प्लांट विरोध करना शुरू कर दिया है. यहीं नहीं प्लांट के विरोध में कुछ किसानों ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. इस वजह से सीमांकन के लिए पहुंचे अफसरों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ा.
बता दें सीहोर जिले की आष्टा तहसील में लगभग 60 हजार करोड़ के निवेश से निर्मित होने वाली यह परियोजना देश की सबसे बड़ी एथेन क्रैकर परियोजना होगी. इस परियोजना में ग्रीन फील्ड पेट्रोकेमिकल परिसर भी प्रस्तावित है. इसके अंतर्गत एलएलडीपीई, एचडीपीई, एमईजी और प्रोपेलीन जैसे पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन होगा.
‘मर जाएंगे, लेकिन प्लांट के लिए अपनी जमीन नहीं देंगे’
इस परियोजना से निर्माण अवधि के दौरान 15000 व्यक्तियों तथा संचालन अवधि के दौरान लगभग 5600 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा. परियोजना में 70 हेक्टेयर की टाउनशिप भी प्रस्तावित है. परियोजना का भूमिपूजन आगामी फरवरी माह तक तथा वाणिज्यिक उत्पादन वित्त वर्ष 2030-31 में प्रारंभ होने की संभावना है. इस प्लांट को लेकर सरकार द्वारा स्वीकृति दी है, लेकिन प्लांट को लेकर आष्टा विधानसभा क्षेत्र में विरोध जताया जा रहा है. किसानों का कहना है कि मर जाएंगे, लेकिन प्लांट के लिए अपनी जमीन नहीं देंगे.
पेड़ पर रस्सी बांध फांसी लगाने की कोशिश
प्लांट के सीमांकन के लिए मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पहुंची. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को देखकर किसान बिफर गए. किसानों ने पेड़ पर रस्सी बांधी और फांसी लगाने का प्रयास किया, इस दौरान कुछ महिलाएं भी खुदकुशी करने की कोशिश कर रही थी. इस दौरान एक किसान ने तो अपने गले में फंदा भी डाल लिया था. सीमांकन का विरोध जता रहे किसानों का कहना है कि हम जान देंगे, लेकिन प्लांट के लिए जमीन नहीं देंगे. किसानों का कहना है कि यह हमारे पुरखों की जमीन है. यही जमीन हमारे परिवार के लालन पालन का साधन भी है. कुछ भी हो जाएं हम जमीन नहीं देंगे. किसानों का कहना है कि प्लांट के लिए सरकार बंजर जमीन देखें, ना की उपजाऊ.
निजी जमीन का नहीं होगा सीमांकन
किसानों के बढ़ते विरोध के बाद प्रशासनिक अमला व पुलिस भी मौके पर पहुंची. इस दौरान एसडीएम स्वाति उपाध्याय ने किसानों से चर्चा में बताया कि किसानों की बगैर अनुमति के सीमांकन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि निजी जमीन का सीमांकन नहीं करेंगे.
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