MP News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद शिवराज सिंह चौहान की जगह डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया. मुख्यमंत्री बनते ही डॉ. मोहन यादव एक्शन में आए. उन्होंने प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी की शुरुआत की. सात महीनों के कार्यकाल में करीब डेढ़ सौ-दो सौ अफसरों के तबादले किए गए. कई कलेक्टर-एसपी को हटाया गया. इस दौरान पूर्व सीएम और वर्तमान केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के जिले में बदलाव नहीं देखा गया.
अब 8 महीने में पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में भी बदलाव किया गया है. सीहोर जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी का ट्रांसफर जल संसाधन विभाग में किया गया है. आशीष तिवारी जल संसाधन विभाग में उप बनाये गये हैं. बता दें कि 8 महीने पहले प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का रुख सख्त है.
लापरवाही या घटना होने पर तुरंत अफसरों को हटाया जाने लगा. उन्होंने सख्ती दिखाते हुए अब तक 30-40 अफसरों को हटाया. डेढ़-दो सौ अधिकारियों का तबादला कर दिया. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में न ही कार्रवाई की और न ही किसी बड़े अफसर का तबदला किया. अब 8 महीने बाद सीहोर जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी का तबादला किया है.
किसे क्या दी गयी जिम्मेदारी?
पर्यटन विकास निगम एमडी इलैया राजा टी को अपर सचिव मुख्यमंत्री बनाया गया है, जबकि उपभोक्ता आयोग रजिस्ट्रार मनीष सिंह को हाउसिंग बोर्ड आयुक्त, एमपीपीएससी उप सचिव राखी सहाय को वित्त निगम एमडी, सीहोर जिला पंचायत. सीईओ आशीष तिवारी को जल संसाधन विभाग का उपसचिव, जबलपुर जिला पंचायत. सीईओ जयति सिंह को उज्जैन जिला पंचायत. सीईओ, इंदौर नान क्षेत्रीय प्रबंधक कीर्ति खुरासिया को एमपीपीएससी उप सचिव, सीधी जिला पंचायत. सीईओ राहुल नामदेव घोटे को नर्मदा घाटी विकास उप सचिव, विदिशा सीईओ योगेश तुकाराम भरसट को आयुष्मान भारत सीईओ, रीवा जिला पंचायत. सीईओ सौरभ संजय सोनवणे को रीवा नगर निगम आयुक्त और नीमच जिला पंचायत. सीईओ गुरु प्रसाद को स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क एमडी बनाया गया है.
नाराजगी के बाद हुई कार्रवाई
1. 27 दिसंबर की देर रात गुना बस हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए थे. मामले में मुख्यमंत्रीम के निर्देश पर राज्य परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा, कलेक्टर तरुण राठी और पुलिस अधीक्षक विजय खत्री का तबादला कर दिया गया था. साथ ही गुना के मुख्य चिकित्सवा अधिकारी और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी पर भी निलंबन की गाज गिरी थी.
2. जनवरी के पहले सप्ताह में जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को एक समीक्षा बैठक के अगले दिन हटा दिया गया था. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के व्यवहार और अनुपलब्धता की शिकायत की थी.
3. फरवरी के दौरान हरदा की पटाखा फैक्ट्री ब्लॉस्ट मामले में कारखाना निरीक्षक एवं सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा नवीन कुमार बरवा को निलंबित किया गया था. कलेक्टर ऋषि गर्ग
और पुलिस अधीक्षक को संजीव कुमार को भी हटाया गया था.
4. जून में सिवनी में 50 से ज्यादा गौवंश के शव मिले थे. मामले में कलेक्टर क्षितिज सिंघल और एसपी राकेश कुमार सिंह को हटाया गया था.
5. देवास जिले के सोनकच्छ में किसान से अमर्यादित आचरण करने पर तहसीलदार को हटाया गया था. एक्स पर बताया गया था कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर देवास जिले के वायरल हो रहे वीडियो को संज्ञान में लिया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अधिकारी आम लोगों के साथ सभ्य और शालीन भाषा का इस्तेमाल करें. इस तरह की अभद्र भाषा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मेरे निर्देश के बाद कलेक्टर ने तहसीलदार को जिला मुख्यालय अटैच कर दिया है.
6. मंदसौर कलेक्ट्रेट दफ्तर में किसान के जमीन पर लौट लगाने का वीडियो वायरल हुआ था. घटना के बाद मंदसौर कलेक्टर का तबादला किया गया.
7. सागर में दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टर-एसपी सहित एसडीएम को भी हटाया. प्रभारी सीएमओ धनंजय गुमास्ता और उपयंत्री वीर विक्रम को सस्पेंड किया गया था.
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