Sehore News: CM शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में मछुआ सहकारी समितियों में फर्जीवाड़ा? दिए गए जांच के आदेश
Sehore News: बाबा मछुआ सहकारी समिति मर्यादित ग्राम लाडकुई पर गाज गिरी तो सीहोर जिले में तमाम मछुआ सहकारी समितियों में हड़कंप मच गया
Sehore News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के गृह जिले में मत्स्य विभाग में हो रही धोखाधड़ी को लेकर सुर्खियों में है. मत्स्य विभाग भोपाल को मछुआ सहकारी समितियों में फर्जीवाड़े की शिकायतें प्राप्त हो रही थी. जिसके चलते बाबा बाबा मछुआ सहकारी समिति मर्यादित लाडकुई को कारण बताओ नोटिस जारी किया. भोपाल संभाग के संयुक्त पंजीयक अधिकारी संजय दलेला द्वारा लाडकुई बाबा मछुआ समिति की जांच करवाई और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
यह नोटिस ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत पर किया गया है और ससंचालक मत्स्याद्योग जिला सीहोर द्वारा जांच कराने के बाद बाबा मछुआरा सहकारी समिति लिमिटेड लाडकुई जिला सीहोर क्रियाशील नहीं पाया गया. बाबा मछुआ सहकारी समिति मर्यादित द्वारा जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर यह नोटिस संयुक्त पंजीयक सहकारी समिति द्वारा जारी किया गया है. गुण दोष के आधार पर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी. इससे मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में मछुआ सहकारी समितियों में हड़कंप मच गया
175 मछुआ कल्याण सहकारिता समिति संचालित हैं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में मछुआ सहकारी समितियोंमें लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अब भोपाल मत्स्य विभाग एक्शन में आ गया है. सीहोर जिले में लगभग 175 मछुआ कल्याण सहकारिता समिति संचालित हैं. इनमें से अधिकतर मछुआ सहकारी समितियां फर्जीवाड़ा से ही संचालित हो रही हैं. इन सभी मछुआ सहकारी समिति को भंग करने के निर्देश कलेक्टर चंद्र ठाकुर द्वारा दिए गए. लेकिन इसके बाद भी उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.
सहकारिता विभाग के आदेशों की मुश्किलें बढ़ने लगी
इन मछुआ सहकारी समितियों की शिकायतें लगातार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच रही थीं. अब बाबा मछुआ सहकारी समिति मर्यादित ग्राम लाडकुई पर गाज गिरी तो सीहोर जिले में तमाम मछुआ सहकारी समितियों में हड़कंप मच गया. दरअसल, सहकारिता विभाग की ओर से एक्ट में बदलाव भी किए गए हैं, इसके बाद अब सहकारी समितियों के अब तक होने वाला ऑडिट में भी अधिकार छीने गए हैं. एक्ट में बदलाव के बाद अब सहकारिता विभाग के आदेशों की मुश्किलें भी बढ़ने लगी हैं. सहकारिता विभाग के इस फर्जीवाड़े पर भाई अधिकारी भी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं. मत्स्य विभाग ने जब इस पूरे मामले पर सीहोर भारत सिंह मीणा से चर्चा करनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
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