Indore Flyover: 5 साल में इंदौर को 21 फ्लाईओवर की सौगात, शहर के प्रमुख चौराहे बाईपास शामिल, सुगम होगा यातायात
Flyovers in Indore: यातायात सुगम बनाने के लिए बहुत समय पहले प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें यह तय किया कि इंदौर के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में अलग अलग स्थानों को चयनित कर फ्लाईओवर का निर्माण किया जाए.
Indore News: आने वाले कुछ सालों में इंदौर को 21 फ्लाईओवर की सौगात मिलने जा रही है. ये 21 फ्लाईओवर इंदौर के विभिन्न क्षेत्रों में बनाए जाएंगे. इसमें इंदौर का बाईपास और शहर के प्रमुख चौराहे शामिल हैं. इन फ्लाईओवर का निर्माण इंदौर विकास प्राधिकरण, PWD और एनएचआई मिलकर कर रहे हैं. इंदौर के बाईपास पर इसमें से चार फ्लाईओवर प्रस्तावित है. जहाँ इंदौर के MR10 रोड, और राउ बाईपास पर काम शुरू हो चुका है.
दरअसल, शहर के यातायात को सुगम बनाने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण ने बहुत समय पहले प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें यह तय किया था कि इंदौर के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में अलग अलग स्थानों को चयनित कर फ्लाईओवर का निर्माण किया जाए. इन फ्लाईओवर के निर्माण से यातायात सुगम होगा ही, लेकिन साथ ही इंदौर शहर स्मार्ट सिटी के तौर पर भी उभरकर सामने आ सकेगा. आलम यह है की अभी लोगों को इंदौर शहर में एक कोने से दूसरे कोने में जाने के लिए दर्जनों सिग्नल को पार करना होता है जिससे ईंधन सहित समय भी बर्बाद होता है.
भारतमाला श्रृंखला के तहत चार फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है
इंदौर 30 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. जो प्रमुख फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं, उसमें भारत सरकार की भारतमाला श्रृंखला के तहत चार फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है. वहीं इंदौर के बाईपास पर पांच फ्लाई ओवर और रेलवे लाइन पर पांच नए ओवरब्रिज शामिल किए गए हैं. इसके अलावा इंदौर के चार प्रमुख चौराहे पर फ्लाईओवर बनाने का काम तेज गति से जारी है. इसका मतलब आने वाले तकरीबन दो से तीन सालों में इंदौर शहर के ट्रैफिक का सूरतेहाल बदलने वाला है.
इधर, इंदौर विकास प्राधिकरण की बात करें तो प्राधिकरण की ओर से करीब सात ओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं और इन सभी को मिलाकर तकरीबन 21 फ्लाईओवर तथा ओवरब्रिज इंदौर शहर में बन जाएंगे. जिसके बाद इंदौर के यातायात की स्थिति बेहतर होगी. एबीपी न्यूज़ से चर्चा करते हुए सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि जल्द ही रेलवे लाइन पर पांच नए ओवर ब्रिज बनाने के लिए कार्य को गति दी जाएगी
आपको बता दें कि पूरे इंदौर शहर में रेलवे पटरी की वजह से ट्रैफिक काफी रुकता है. वही यह ओवरब्रिज बनाने के बाद यह समस्या समाप्त हो जाएगी. इंदौर विकास प्राधिकरण और शहर के जिम्मेदार नेता इस बात पर भी चर्चा कर रहे हैं कि इंदौर में जो ट्रैफिक दूसरे राज्यों से आता है, उसे डाइवर्ट करने के लिए एक नया रिंग रोड तैयार किया जाए. इस रिंग रोड को तैयार करने की योजना पर अमल शुरू हो चुका है. इंदौर में तकरीबन 130 किलोमीटर लम्बा रिंग रोड प्रस्तावित है जिससे कि बाहर से आने वाले वाहन इंदौर शहर में प्रवेश किए बिना बाहर से ही अन्य शहरों के लिए रवाना हो सकेंगे. इससे जो ट्रैफिक अभी इंदौर शहर में होकर गुजरता है उसे डाइवर्ट करने में आसानी होगी और इंदौर शहरवासियों को भी यह सहूलियत मिलेगी कि वे जल्द अपने मंजिल तक पहुँच जाए.
शहर में आइडीए द्वारा 11 फ्लाईओवर बनाए जाने हैं
फ्लाईओवर के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक प्रजेंटेशन दिखाया था, जिनमें शहर में आइडीए द्वारा 11 फ्लाईओवर बनाए जाने हैं. इनमें से चार फ्लाईओवर निर्माण करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किया गया. जिनमें खजराना चौराहा, भंवरकुआं चौराहा महू, नाका चौराहा और लवकुश चौराहा शामिल हैं और इसी आधार पर सरकार ने ₹300 करोड़ का बजट फ्लाईओवर निर्माण के लिए पास किया. इसके अलावा इंदौर के देवास नाका चौराहा, मूसाखेड़ी, आईटी पार्क, सत्यासाई चौराहा और मरीमाता चौराहे पर भी फ्लाईओवर प्रस्तावित है.
हालांकि कई जगहों पर फ्लाईओवर निर्माण में चौड़ाई कम होना और नर्मदा पाइप लाइन बाधक है इसके लिए डिटेल सर्वे किया जा रहा है. इनमें से कुछ फ्लाईओवर का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा किया जाएगा वही अगर हम रेलवे ओवरब्रिज की बात करें तो लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन और रेती मंडी के पास जो रेलवे क्रॉसिंग है वहाँ पर ये ओवर ब्रिज बनाए जाने हैं. इसके अलावा मांगलिया में भी एक ओवरब्रिज प्रस्तावित है.
काम को समय पर पूरा करने के लिए मॉनीटरिंग सेल भी बना रहे
सांसद शंकर लालवानी इन सभी परियोजनाओं के काम को समय पर पूरा करने के लिए मॉनीटरिंग सेल भी बना रहे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, पीडब्ल्यूडी और अन्य विभागों में तालमेल के लिए सेल का गठन किया जा रहा है जिसमें जिला प्रशासन, नगर निगम, आईडीए, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई के एक एक प्रोजेक्ट ऑफिसर और एक एक्सपर्ट के साथ सांसद प्रतिनिधि भी शामिल रहेगा. इस सेल की हर महीने एक बैठक होगी और ये तय किया जाएगा कि परियोजनाएं समय पर पूरी हों, यदि कोई जमीनी समस्या है तो उसका निधन भी समय सीमा में हो, यह तय किया जाएगा.
इधर, यातायात की बात करें तो इंदौर की शहरी सीमा में करीब 35लाख की आबादी पर 26 लाख वाहन आरटीओ में रजिस्टर्ड हैं. इनमें भी 20 लाख के आस पास टू व्हीलर, 6 लाख फोर व्हीलर, 25 हजार थ्री व्हीलर शहर में चल रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में वाहनों के होने पर इंदौर के 21 फ्लाईओवर निश्चित रूप से शहरवासियों को और इंदौर से गुज़रने वालों को फायदा पहुंचाएंगे.
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