Indore News: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों की सुविधा के लिए नाइट जंगल सफारी की शुरुआत की गई थी. कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद रालामंडल अभ्यारण्य में विधिवत नाइट सफारी का आगाज मध्यप्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट ने की थी. लेकिन अब हालात थोड़े बदल गए. दरअसल, पर्यटकों द्वारा पसंद की जा रही सफारी के चलते टूरिस्ट का भार वन विभाग पर बढ़ गया है. ऐसे में रालामंडल वन्य जीव अभ्यारण्य में अब वन विभाग खुली जीप की संख्या बढ़ाने के बारे में सोच रहा है. 


दरअसल, इंदौर के रालामंडल में वन्य जीवों को निहारने के लिए वन विभाग द्वारा दिन व नाइट सफारी की शुरुआत की थी. अब इसी जंगल योजना के तहत नए टेंडर निकाल कर बढ़ते पर्यटकों की जरूरत के हिसाब से वन्य क्षेत्र में सफारी वाहन को बढ़ाया जा रहा है. इंदौर के रालामंडल में एक 2 माह पहले कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नाइट सफारी की शुरुआत की गई थी. नाइट सफारी की डिमांड अब बढ़ने लगी है. ऐसे में लेकिन वन्यजीवों को निहारने के लिए आने वाले पर्यटकों को नाइट सफारी के लिए वाहन उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे. इसी कमी को दूर करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा सफारी वाहन के लिए नए टेंडर निकाले गए हैं और उसी टेंडर के अनुसार, आवेदकों को बुलाया गया है ताकि रालामंडल के दुर्गम स्थलों को वाहन में सफर कर लोग वन्य जीवों को करीब से निहार सके. पर्यटकों के उत्साह और आने वाले समय बढ़ते पर्यटन के दबाव को देखते दूरगामी सोच के वन विभाग द्वारा नए टेंडर निकाले गए हैं. ताकि हर पर्यटक को दिन हो या रात जंगल सफ़ारी का लुत्फ मिल सके और उन्हें घंटों किसी वाहन के लिए इंतजार न करना पड़े. 




वन विभाग के सीसीएफ ने दी ये जानकारी 


वन विभाग के सीसीएफ एचआर मोहंता ने बताया कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या के हिसाब से रालामंडल में सफारी वाहन उपलब्ध कराए जा सके. इसे लेकर नए टेंडर जारी किए गए हैं, जिसमें टेंडर वाहनों का फिटनेस चेक करने के बाद वाहन मालिक को सफारी योजना में शामिल किया जाएगा. ताकि योजना के जरिये एक ड्राइवर को रोजगार मिल सके और वाहन मालिक को भी कुछ लाभ मिल सके. उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही लोगों की आजीविका के साधन पर भी ध्यान दिया जा रहा है. फिलहाल, रालामंडल में नाइट सफारी के लिहाज से 2 जिप्सी है. वहीं अब डे और नाइट सफारी के लिहाज से जिप्सी के बड़े बेढ़े को शामिल किया जाएगा, जिसके बाद पर्यटक आसानी से रालामंडल के जंगल मे वन्य जीवों को करीब से निहार सकेंगे और उत्साह के साथ जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे.


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