Organ Donation: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जॉइंट कमिश्नर रहे अविनाश तिवारी का बुधवार शाम निधन हो गया. उन्हें डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके पहले अविनाश तिवारी ने अपनी मृत्यु के बाद अपने अंगों को दान करने की इच्छा परिवार से जताई थी. उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनके परिजनों ने उनकी आंखें और लीवर को दान कर एक मिसाल कायम की.


डॉक्टरों ने परिजनों की प्रशंसा की 
उनके पार्थिव शरीर को परिजनों को देने के पहले बंसल हॉस्पिटल ने फूलों से सजा कर उनकी अंतिम विदाई को सलाम किया. अस्पताल के स्टाफ और कर्मचारियों ने परिजनों के साथ नम आंखों से उन्हें विदाई दी. डॉक्टरों ने परिजनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अविनाश तिवारी के परिवार और उनके बेटे सिद्धार्थ ने अंगदान के लिए जो प्रतिबद्धता दर्शाई है वह सराहनीय है.


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यह पहल समाज में अंगदान की सार्थक होगी
दिवंगत अविनाश तिवारी भोपाल, विदिशा सहित कई शहरों में कलेक्टर, एसडीएम के पद पर भी कार्यरत रह चुके थे. उनकी अंतिम विदाई पर पुलिस ने बैंड के द्वारा उनको सम्मान देकर अंतिम संस्कार के लिए रवाना किया. उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक शहर विदिशा में किया गया. अविनाश तिवारी के बेटे सिद्धार्थ ने बताया कि मेरे पिताजी ने पहले ही कह दिया था मेरे मरने के बाद मेरे शरीर के अंग लीवर आंख दान कर देना. 


अविनाश तिवारी के बेटे ने कहा, पापा की बात को ध्यान में रखते हुए बसंल अस्पताल में उनके लीवर और आंख दान कर दिए गए हैं. पापा हमारे लिए हमेशा प्रेरणास्रोत थे. आज पापा के नहीं होने से परिवार टूट गया है. अस्पताल के पीआरओ अरुण कुमार राठौड़ ने बताया कि बसंल अस्पताल में लीवर-आंख दान किए हैं. पूर्व ज्वाइंट कमिश्नर अविनाश तिवारी के समाज के लिए एक मिशाल पेश की है.


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