MP Election 2023 News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के गृह जिले सीहोर विधानसभा से चार बार के विधायक रहे रमेश सक्सेना ने दावा किया है कि, उन्होंने पहली बार दलितों को मंदिर में प्रवेश कराया था. पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने कहा कि, 1978 में जब वे बरखेड़ा हसन में सरपंच थे, तब दलितों को मंदिर में प्रवेश कराया था, इससे पहले दलितों का मंदिर में प्रवेश वर्जित था. पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने कहा कि, अब राजनीति के तौर तरीके बदल गए हैं. अब लोग अपने निजी हित साधने के उददेश्य से यह क्षेत्र चुन रहे हैं. 


रमेश सक्सेना ने आगे कहा कि, सिर्फ वोट पाने के लिए नेता समाज को बांटते हैं, कट्टरता फैलाते हैं, जबकि मेरा तो नारा रहा है हिंदु-मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई. सक्सेना ने बताया कि सन 1978 में जब वह ग्राम पंचायत बड़खेड़ाहसन के सरपंच बने तो उन्होंने सबसे पहले ग्राम में अनूसूचित जाति वर्ग के लोगों को मंदिर में प्रवेश दिलाया. जातिवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी. लोगों को जोड़ने का प्रयास किया. मंदिर में सभी लोगों के साथ हलित को बैठाया पूजा पाठ आरती में शामिल कराया. इस बात पर कई लोगों ने विरोध भी किया, लेकन मैंने सभी लोगों को समझाया, एक जाजम पर बैठाया. लोगों की मांस-मंदिरा छुड़वाई और अच्छा और बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया.


गांव-गांव बनाए मंडल
सक्सेना ने बताया कि मैंने सभी समाज और हर धर्म के लोगों से नशा त्यागने का आग्रह किया. गांव-गांव में रामायण मंडल बनाए, जिनमें हर जाति के लोगों को साथ रखा. प्रेम, भाईचारे, आपसी जुड़ाव, एकता की बात कहीं. यह पंरपरा आज भी जारी और गांव में सब मिलकर मंदिर में पूठा पाठ करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह भाईचारा पसंद नहीं, वह तो सिर्फ अपना ही भला चाहते हैं. नशा व्यक्ति को बर्बाद करता है. नशे से घर के घर बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इस सामाजिक बुराई को बढ़ावा देते हैं. पूर्व विधायक ने कहा कि अब चुनाव प्रचार शुरू हो गया है. इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहें जो बांटने की बात करें, आपको प्रलोभन दे.



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