OBC Reservation : मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है. राज्य में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर माहौल गर्म है. इस मुद्दे पर नेताओं की ओर से रोजाना बयानबाजी का दौर जारी  है. पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं. कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं. मुद्दे को लेकर राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है.


उन्होंने इस बार गेंद सीएम शिवराज के पाले में दे दिया. उन्होंने कहा कि सीएम ने सदन में आश्वासन दिया है कि बिना आरक्षण के कोई चुनाव नहीं होगा. ऐसे में पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज से पूछा है कि इस घोषणा के बाद आप क्या कदम उठाने जा रहे हैं. अगर आप चाहते हैं कि हम अदालत जाएं, तो हम आपके साथ कोर्ट जाएंगे.


कमलनाथ ने इस बाबत ट्वीट किया है. इसने राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी है कि आखिर इसके बाद सीएम क्या कदम उठाते हैं.



इसके एक दिन पहले मंगलवार को जबलपुर में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी. उन्होंने कहा कि जिस ओबीसी आरक्षण का ढिंढोरा बीजेपी पीट रही है, उस ओबीसी आरक्षण के लिए 1994 से ही कांग्रेस ने रास्ते खोल रखे हैं. तन्खा ने कहा कि 1994 में कांग्रेस ने ही पंचायतों में ओबीसी को 25 फीसदी आरक्षण दे दिया था. उस दौरान महाधिवक्ता रहते हुए उन्होंने आरक्षण का बचाव किया था.


इसके साथ ही उन्होंने ने कहा कि जिस रोटेशन प्रक्रिया का पालन बीजेपी नहीं कर रही है वह रोटेशन प्रक्रिया जनता की भलाई और आरक्षण के लिए बेहद जरूरी है. बीजेपी उन पर आरोप लगा रही है कि उनकी वजह से ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है जबकि हकीकत यह है कि सरकार अपनी बात सुप्रीम कोर्ट के सामने पुख्ता तरीके से नहीं रख पाई जिसका नतीजा यह रहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर स्टे लगा दिया.


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