Ujjain Jail GPF Scam: उज्जैन सेंट्रल जेल में 15 करोड़ का जीपीएफ गबन करने की आरोपी की एक और करतूत उजागर हुई है. पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज इंदौर की सेंट्रल जेल में 50 हजार ले जाते हुए पकड़ाई. जेल प्रशासन ने रकम राजसात करते हुए पुलिस और अदालत को मामले की जानकारी दी है. गौरतलब है कि उज्जैन की सेंट्रल जेल में 67 जेल कर्मचारियों के जीपीएफ का गबन हुआ है. जीपीएफ घोटाला मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा माना जा रहा है. उज्जैन के भैरवगढ़ थाने में घोटाले की एफआईआर दर्ज कराई गई है.


पूर्व जेल अधीक्षक नकदी के साथ पकड़ाई


गबन मामले में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज सहित नौ लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है. उषा राज को 15 दिन की रिमांड के बाद जेल भेजे जाने का आदेश हुआ. सोमवार रात उषा राज को सेंट्रल जेल इंदौर दाखिल किया जा रहा था. उषा राज 9 बैग लेकर सेंट्रल जेल इंदौर पहुंची थी. रात्रि के समय तलाशी का नियम नहीं होने की वजह से कैमरे की निगरानी में बैग को रख दिया गया. जेलर सुजीत खरे के मुताबिक मंगलवार सुबह गबन कांड की आरोपी उषा राज के बैग की तलाशी लेने पर 50 हजार नकदी बरामद हुई.


9 बैग लेकर सेंट्रल जेल पहुंची थी उषा राज


पूर्व जेल अधीक्षक से उज्जैन पुलिस ने 3 करोड़ का सोना और अन्य सामान भी जब्त किया है.  अब 50 हजार की नगदी जेल के अंदर ले जाने की सूचना भी अदालत को दे दी गई है. इंदौर सेंट्रल जेल की जेल सुपरिटेंडेंट अलका सोनकर के मुताबिक जेल मैनुअल में विचाराधीन बंदी को 2 जोड़े कपड़े, अंडर गारमेंट्स, आवश्यक दवाएं (2 दिन की) लेकर जाने की छूट है. जेल में दाखिल होने से पहले बंदी की निजी राशि गेट पर जमा करा दी जाती है. जेल से छूटने के बाद कैदी की राशि वापस कर दी जाती है. जेल में किसी प्रकार की नगदी ले जाने का कोई नियम नहीं है. कोई बंदी छिपाकर राशि ले जाने की कोशिश करता है और उस राशि को जेल प्रशासन पकड़ लेता है तो जेल मैन्युअल की धारा 970 के मुताबिक राजसात कर ली जाती है. 


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