Ujjain News: मौसम की मार का नुकसान केवल किसानों को ही नहीं बल्कि व्यापारियों को भी उठाना पड़ता है. इन दिनों फल व्यापारी काफी आर्थिक परेशानियों के दौर से गुजर रहे हैं.इसके पीछे बेमौसम बारिश को जिम्मेदार बताया जा रहा है. बारिश की वजह से फल खराब हो गए हैं और उनकी गुणवत्ता भी खराब हुई है. इस वजह से व्यापारियों को फल औने-पौने दाम पर बेचने पड़े हैं.


क्या कहना है फल व्यापारियों का


गर्मी के दिनों में फल का व्यापार काफी चमकदार हो जाता है. फल व्यापारी वर्ष भर गर्मी का इंतजार करते हैं. गर्मी के दिनों में दाम के साथ-साथ फल की बिक्री में कई गुना की बढ़ोतरी हो जाती है. लेकिन इस बार फल व्यापारियों को उम्मीद से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. फल व्यापारी गिरीश पंजमामी के मुताबिक बेमौसम बारिश की वजह से अंगूर, आम और तरबूज पर बुरा असर पड़ा है. इसकी वजह से व्यापारियों को फल ओने-पौने दाम में बेचने पड़े हैं. इस बार गर्मी के मौसम में लगातार रुक-रुक कर बारिश हुई. इसकी वजह से मौसम में बदलाव आया है, इसका असर फलों पर भी पड़ा है. फलों की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ने की वजह से उचित दाम नहीं मिल पाए हैं. इस बार आम लोगों ने भी बोतलबंद पेय पदार्थ पर अधिक राशि खर्च की है. व्यापारियों का कहना है कि अब उन्हें साल भर तक इंतजार करना पड़ेगा. 


सात प्रदेशों से आता है आम


फल व्यापारी रईस भाई के मुताबिक आम तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्रा और गुजरात से आता है. देश में अधिकांश स्थानों पर बेमौसम बारिश होने की वजह से आम में दाग लग गए हैं. इसके अलावा आम समय से पहले ही खराब हो गया है. गर्मी के दिनों में आम फुटकर बाजार में ₹100 किलो तक बिक जाता है जबकि इस बार फुटकर बाजार में ₹50 किलो आम बिका है, इसलिए व्यापारियों को 50 फीसदी से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है.


अंगूर और तरबूज का भी बुरा हाल


मौसम की मार का असर अंगूर और तरबूज पर भी पड़ा है. अंगूर 50 रुपये किलो तक बाजार में बिकता था लेकिन इस बार फुटकर बाजार में 30 रुपये किलो अंगूर बिक गया, जबकि थोक बाजार में 15 रुपये किलो तक अंगूर उपलब्ध था. अंगूर महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में आता है. इसी तरह तरबूज की भी बिक्री इस बार काफी कम रही है. तरबूज के स्वाद पर भी बेमौसम बारिश का असर हुआ है.


ये भी पढ़ें


Indore: इंदौर में दो- दो घंटे हो रही है बिजली गुल, कर्मचारियों और साधन की कमी से जूझ रहा विभाग