Rajastha News in Hindi: मध्य़ प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) ने शनिवार को 32 विभागों में कार्यरत 2.50 लाख संविदा कर्मचारियों के लिए सेवा शर्तें जारी कीं. इसके मुताबिक संविदा कर्मचारियों के वार्षिक मूल्यांकन और उसके आधार पर सेवा समाप्ति का अधिकार अभी भी अधिकारियों के पास है. संविदा संयुक्त संघर्ष मंच ने इस कदम का विरोध किया है.


कौन करेगा मूल्यांकन


जीएडी की ओर से जारी सेवा शर्तों के पैरा 9.8 के अनुसार संविदा अधिकारियों/ कर्मचारियों को नौकरी पर रखने वाले अधिकारी हर साल इनका मूल्यांकन करेंगे. काम संतोषजनक न पाए जाने की स्थिति में संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जा सकेगी.


संविदा कर्मचारियों के संगठन संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के प्रदेश संयोजक दिनेश तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने संविदा कर्मचारियों के मामले में अनुबंध प्रथा खत्म करने की घोषणा की थी. इसके विपरीत मूल्यांकन जोड़ दिया गया है. इससे कर्मचारियों की बर्खास्तगी की जा सकेगी. सरकार ने जीएडी की सेवा शर्तें जारी कर सभी विभागों से विभागीय सेटअप के मुताबिक भर्ती नियमों में आवश्यक परिवर्तन करने को कहा था. 


संविदा सेवा शर्तों के हिसाब से शासन के सभी विभागों में नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किए जाएं. विभागों के द्वारा सीधी भर्ती के नियमित पद के बराबर संविदा पदों पर पांच साल की सेवा पूरी करने पर कर्मचारियों की कुल कुल संख्या के 50 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति के लिए आरक्षित रखे जाएंगे.


कैसे मिलेगा इंक्रीमेंट


मूल्य सूचकांक के हिसाब से ऐसे तय होगा वेतन. एक अप्रैल 2018 को वेतन निर्धारण 1000 रुपये होने पर 2019-20 में 7.69 फीसदी वेतन वृद्धि जोड़े जाने पर एक अप्रैल 2019 की स्थिति में वेतन 1076.90 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा. 1076.90 रुपये वेतन में 2020-21 में 5.16 फीसदी की वृद्धि की जाएगी. इसमें 55 रुपये 57 पैसे की वृद्धि होगी. इस प्रकार संविदा कर्मी का नया वेतन 1132.47 रुपये हो जाएगा. इसी तरह आगे के वर्षों में गणना की जाएगी.


नियमित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में पारदर्शिता रखी जाएगी. इसमें नियुक्ति करने वाले विभाग द्वारा न्यूनतम कट ऑफ अंक निर्धारण और अन्य अर्हताओं के संबंध में नियम बनाकर चयन प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी.संविदा कर्मचारी जिस नियमित समकक्ष पद के लिए आवेदन करेगा, उसके बराबर या उच्चतर संविदा पद पर वह जितने वर्ष कार्यरत रहा, उतने वर्ष की छूट उसे निर्धारित अधिकतम आयु में मिलेगी. आयु संबंधी समस्त छूट 55 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए.


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