MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के साथ दल बदल की राजनीति भी तेज चाल से चल रही है. एक दिन पहले 29 मार्च को छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया.


लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की कमलनाथ के गढ़ में बड़ी सेंधमारी बताया गया. कमलेश शाह से पहले कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की लंबी लिस्ट है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा दावा करते हैं कि,"अभी तक प्रदेश भर में 50 हजार से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता या समर्थक बीजेपी का दामन थाम चुके हैं.


मध्य प्रदेश में दल बदल की राजनीति तेज


बीजेपी का लक्ष्य लोकसभा चुनाव खत्म होने के पहले संख्या को 1 लाख तक पहुंचाने का है." बीजेपी कमलनाथ के मजबूत किले को ध्वस्त करना चाहती है. आजादी के बाद बीजेपी को छिंडवाड़ा में केवल एक बार जीत मिली है. 9 बार कमलनाथ, एक बार पत्नी अलका नाथ और एक बार पुत्र नकुलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं.


इस बार फिर से कांग्रेस ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर नकुलनाथ को प्रत्याशी घोषित किया है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले नेता मध्य प्रदेश की सियासत के केंद्र बन गये हैं. दोनों दलों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को कूड़ा-कचरा बताया था.


'सूखा, गीला कचरा और मेडिकल वेस्ट'


शुक्रवार (29 मार्च) को कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने कचरे की व्याख्या कुछ अलग अंदाज में की. उन्होंने कहा कि, "मोदी सरकार ने कचरे के लिए 3 तरह के डस्टबिन रखे हैं. एक सूखा, दूसरा गीला और तीसरा मेडिकल वेस्ट. बीजेपी में आने वाले ठीक हैं. दूसरी पार्टियों में बचे हुए मेडिकल वेस्ट हैं."


पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने बालाघाट में कहा कि नेता कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं ना कि कांग्रेस का वोटर. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को विचारधारा जनता से जोड़े रखेगी. पूर्व मंत्री और विधायक गोपाल भार्गव भी तंज करते हुए कह रहे हैं कि, "कांग्रेस के लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. ऐसा लग रहा है जैसे पके हुए बेर के पेड़ को हिलाने पर कांग्रेस के नेता टपक रहे हैं."


Summer Special Trains 2024: गर्मियों में यात्रियों को मिलेगा इन स्पेशल ट्रेनों का फायदा, जुलाई तक चलाने का हुआ फैसला