Ujjain Crime News: वैसे तो जेल को सुधार गृह के रूप में देखा जाता है, लेकिन यहां कितने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, इसका अंदाजा उज्जैन में पुलिस की जब्ती देखकर लगाया जा सकता है. पुलिस ने जेल सुपरिंटेंडेंट के लॉकर से 3 करोड़ का सोना और चांदी बरामद किया है. इसके अलावा, करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी मिले हैं.


उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में पिछले दिनों जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) घोटाला सामने आया था. उज्जैन एसपी सचिन शर्मा के मुताबिक अभी तक 15 करोड़ के घोटाले की बात सामने आ चुकी है. इस मामले में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज सहित 9 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कुछ लोग अभी भी फरार है. 


4 किलो सोना, 3 किलो चांदी बरामद
जेल के पूर्व लेखापाल रिपुदमन ने जेल अधीक्षक के साथ मिलकर 15 करोड़ रुपये का जीपीएफ निकाल दिया. इस बात की भनक कर्मचारियों को भी नहीं लग पाई. इस पूरे मामले में भैरवगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि जब पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज के बैंक खातों के बारे में जानकारी हासिल की गई तो पता चला कि उनका बैंक लॉकर भी है. 


कानूनी प्रक्रिया के जरिए जब लॉकर खोला गया तो उसमें 4 किलो सोना, 3 किलो चांदी सहित अचल संपत्ति के बारे में जानकारी मिली. आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक से 3 करोड़ की रिकवरी की गई है. इसके अलावा, आरोपी जगदीश परमार से 12,5000 और एक अन्य आरोपी धर्मेंद्र से भी कुछ राशि बरामद हुई है.


सरकार ने जीपीएफ निकालने की प्रक्रिया बदली
उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के 67 कर्मचारियों के खाते से 15 करोड़ की जीपीएफ राशि निकाल ली. इस दौरान सरकारी प्रक्रिया पर भी सवाल उठ गए. सरकार ने इस प्रकार के घोटाले पर रोक लगाने के लिए अब पूरी प्रक्रिया में ही बदलाव कर दिया है. उज्जैन एसपी सचिन शर्मा के मुताबिक इस जालसाजी के दौरान आरोपियों ने लूज पोल का फायदा उठाया था, उसकी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है, जिसके बाद जीपीएफ निकालने की कुछ फेरबदल किया गया है. 


आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर होगी वसूली
जीपीएस घोटाले की राशि से सरकार को चपत लगाने वाले आरोपियों की संपत्ति का पता लगाया जा रहा है. उनकी संपत्ति को नीलाम करने के बाद उससे जो राशि प्राप्त होगी, वह शासन अपने खाते में जमा कर घोटाले की रिकवरी करेगा. पुलिस सभी कानूनी प्रक्रिया को अपना रही है. इसके अलावा आरोपियों की संपत्ति का भी पता लगाया जा रहा है. 


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