Gujarati Garba In Indore:  गुजरात की परंपरानुसार इंदौर में गरबे नवरात्र उत्सव का आरंभ सर्वप्रथम श्री गुजराती नवदुर्गा उत्सव मंडल के सदस्यों के तरफ से किया गया था. 94 वर्षों से यह उत्सव मनाया जा रहा है. मंडल की स्थापना सन् 1927 में हुई थी. सन् 1927 से लेकर सन् 2023 तक पिछले 94 वर्षों से लाल गली में गरबा खेला जाता है. 


श्री गुजराती नवदुर्गा उत्सव मण्डल समिति अध्यक्ष चंद्र प्रकाश देसाई ने बताया कि सन् 1927 से सन् 1985 तक पिछले 58 वर्षों में मंडल का स्वयं का निर्मित पूजनीय माताजी का मंदिर नहीं था और ना ही प्रतिवर्ष मनाये जाने वाले नवरात्रि उत्सव हेतु स्थाई जमीन और माताजी का चौक था. प्रारंभ में साल1927 में महात्मा गांधी मार्ग पर बाटा शू कंपनी स्टोर के पास वाली गली में सार्वजनिक गरबा उत्सव होता था.


जमीन खरीदकर मंदिर का किया गया निर्माण


जगह छोटी लगने के कारण जेल रोड पर स्थित सोनारवाड़ा में गरबे होने लगे. उसके बाद जेलरोड़ पर सरदार आइसक्रीम के पीछे चौक में वर्षों तक कार्यक्रम आयोजित किये गये. दुर्भाग्य से इस चौक की जमीन बिकने के कारण जगह नहीं बची. इस कारण लाल गली खातीपुरा में नवरात्रि उत्सव मनाया जाने लगा. 


वही महाराज टॉकीज (महाराजा कॉम्प्लेक्स) के पीछे कोने में खाली पड़ी हुई जमीन नगर निगम प्रशासन से नियमानुसार मंडल के नाम से जमीन खरीदकर उस पर मंडल के सदस्यों का सहयोग लेकर आद्या शक्ति माताजी के मंदिर का निर्माण किया गया. इसके लिए सन् 1985 में स्व. पंकज भाई देसाई अपने परिवार के सदस्यों के साथ अनशन पर भी बैठे थे. इसके बाद सन् 1985 से आज दिनांक तक मंदिर के सामने चौक में प्रतिवर्ष नवरात्रि उत्सव मण्डल के सदस्यों एवं श्रद्धालु भक्तों के तरफ से उत्साह पूर्वक मनाया जाता है. 


तीसरी पीढ़ी सिखा रही निशुल्क गरबे 


नन्हीं-नन्हीं बालिकाओं को गुजराती परंपरा के अनुसार गरबे करने का निःशुल्क प्रशिक्षण देने, गुजराती गरबे लिखने और गुजरात की लोक धुन में उसे गुजराती संगीत में लयबद्ध करने वाले लोग भी पीढ़ी दर पीढ़ी ये काम करते आ रहे हैं. जहां पहले स्व. गजाननभाई देसाई तथा स्व. मधुसूदनभाई भट्ट ने इस परंपरा को निभाया. वहीं अब उनके परिवार के सदस्य इसे आगे बढ़ा रहे हैं.


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