MP Panchayat Election 2022: चंबल के पूर्व डकैत मलखान सिंह की पत्नी निर्विरोध सरपंच निर्वाचित, कहा- अब होगा गांव का विकास
MP Panchayat Election: चंबल के पूर्व डकैत मलखान सिंह की पत्नी ललिता सिंह गुना के सुगनायी गांव की निर्विरोध सरपंच चुनी गई है. 'डाकू मलखान सिंह' कहे जाने पर उसने कहा कि मेरा अतीत था, वर्तमान नहीं.
MP Panchayat Election 2022: मलखान सिंह 70- 80 के दशक का चंबल के सबसे खूंखार डकैतों में से एक होने के कारण मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया था, अब राजनीति में अपना भविष्य तलाश रहा है. गुना जिले के सुगनायी गांव की सरपंच के रूप में पत्नी ललिता सिंह के निर्विरोध चुने जाने के बाद आज मलखान सिंह फिर सुर्खियों में आ गया. ललिता ही नहीं, बल्कि गांव के सभी 12 वार्डो में महिला उम्मीदवार निर्विरोध चुनी गईं.
मलखान सिंह ने भी सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया था. हालांकि बाद में नाम वापस ले लिया, क्योंकि सुगनायी के लोगों ने मिलकर सरपंच पद के लिए एक महिला को चुनने का फैसला किया. ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से केवल महिला उम्मीदवारों को नामांकित करने का निर्णय लिया, क्योंकि ऐसा करने से गांव को राज्य सरकार से 15 लाख रुपये का इनाम मिलेगा, जिसका उपयोग सड़कों के निर्माण और पानी की सुविधा के लिए किया जा सकता है. 28 मई को राज्य चुनाव आयोग ने जून में पंचायत चुनाव होने की घोषणा की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्राम पंचायतों के लिए कई प्रोत्साहनों की घोषणा की. चौहान ने घोषणा की थी कि जो गांव अपने सरपंच का निर्विरोध चुनाव करेंगे, उन्हें 5 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि दूसरे कार्यकाल के लिए अपने सरपंच को निर्विरोध चुनने वालों को 7 लाख रुपये मिलेंगे.
इसी तरह, जो ग्राम पंचायतें अपने सरपंच और वार्ड सदस्यों को निर्विरोध चुनती हैं, उन्हें भी 7 लाख रुपये मिलेंगे. चौहान ने ग्राम पंचायतों के लिए 12 लाख रुपये के बड़े बोनस की घोषणा की, जहां केवल महिलाएं सरपंच और वार्ड सदस्य के रूप में चुनी जाती हैं और ग्राम पंचायतों के लिए 15 लाख रुपये जो उन्हें निर्विरोध चुनती हैं. सुगनायी के लोगों ने सर्वसम्मति से 15 लाख रुपये कमाने के इस अवसर को हथियाने का फैसला किया. मलखान सिंह ने आईएएनएस से फोन पर बात करते हुए कहा, "हमारे गांव में पानी की कमी है, जिससे हम सभी पीड़ित हैं. हमने अपने गांव के जलस्तर को बढ़ाने के लिए एक तालाब खोदने का फैसला किया है. साथ ही, सड़क संपर्क भी नहीं है. हमारे गांव और मानसून के दौरान बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं.
राजनीतिक नेता केवल चुनाव के दौरान वादे करते हैं, लेकिन गांव के विकास के लिए कुछ नहीं करते हैं." उससे पूछा गया कि जब लोग उसे 'डाकू मलखान सिंह' कहते हैं तो कैसा लगता है, तब उसने जवाब दिया, "लोगों को जो कहना है, कहें. वह मेरा अतीत था, वर्तमान नहीं." यह पूछे जाने पर कि वह अभी भी पहले की तरह बड़ी मूंछें और लंबे बाल क्यों रखता है, मलखान सिंह ने कहा, "यह मेरा स्टाइल है और मुझे यह पसंद है." विशेष रूप से, चंबल पर अपने 13 साल की हुकूमत के दौरान मलखान सिंह के गिरोह को उसके प्रतिद्वंद्वियों द्वारा 'दस्यु राजा' का ताज पहनाया गया था. सरकार ने उसे पकड़ने के लिए 70 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की थी. 1982 में मलखान सिंह और उसके गिरोह ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. आत्मसमर्पण के समय उसके नाम पर 94 पुलिस मामले दर्ज थे, जिसमें डकैती के 18, अपहरण के 28, हत्या के प्रयास के 19 और हत्या के 17 मामले शामिल हैं.
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