MP Politics: ज्योतिरादित्य सिंधिया पर BJP सांसद के बयान से बवाल, कहा- 'कुछ लोगों ने गद्दारी न की होती तो...'
MP News: बीजेपी सांसद केपी यादव का बयान सोशल मीडिया पर जमकर छाया हुआ है. उनके इस बयान के बहाने लगातार लोग सिंधिया परिवार पर 1857 की क्रांति में गद्दारी करने का आरोप लगा रहे हैं.
KP Yadav on Jyotiraditya Scindia: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर गुना सांसद केपी यादव के बयान ने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. सिंधिया परिवार का नाम लिए बिना कृष्ण पाल यादव ने कहा कि अगर कुछ लोगों ने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के साथ गद्दारी न की होती तो आज देश आजादी की 75वीं नहीं बल्कि 175वीं वर्षगांठ मना रहा होता. सांसद के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
हालांकि, बाद में पार्टी की फटकार के बाद सांसद केपी यादव ने यू-टर्न लेते हुए भोपाल में अपनी सफाई दी. यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्होंने कहा, "मेरा इरादा किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था. ज्योतिरादित्य सिंधिया जी का मैं बहुत सम्मान करता हूं. उनसे बड़े अच्छे संबंध हैं. अब कोई मदभेद नहीं है."
दिग्विजय सिंह ने भी ली चुटकी
वहीं, गुना सांसद केपी यादव के इस बयान को लपकते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी बिना नाम लिए सिंधिया परिवार पर तंज कसा. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "यही बयान शिवराज सिंह चौहान जी ने दिया था. कौन सी नई बात है?"
बता दें कि दो दिन पहले गुना में महिलाओं के सम्मान में एक कार्यक्रम में केपी यादव ने भरे मंच से कहा, "जीजामाता हों या रानी लक्ष्मीबाई, इन्हें देश का कोई व्यक्ति नहीं भुला सकता है. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और झांसी के शौर्य के बारे में सभी जानते हैं और ये भी हम सब जानते हैं कि कुछ लोगों ने गद्दारी नहीं की होती तो हमारा देश स्वतंत्रता की 75वीं नहीं, बल्कि 175वीं वर्षगांठ मना रहा होता."
सोशल मीडिया पर छाया हुआ है केपी यादव का बयान
बीजेपी सांसद केपी यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर छाया हुआ है. उनके इस बयान के बहाने लगातार लोग सिंधिया परिवार पर 1857 की क्रांति में गद्दारी करने का आरोप लगा रहे हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया-केपी यादव में रही है अनबन
दरसअल, कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के खासम-खास रहे केपी यादव ने साल 2019 में बीजेपी का दामन थामते हुए उनके ही खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा और अप्रत्याशित जीत हासिल की थी. तभी से सिंधिया और यादव में अदावत चल रही है. बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी बीजेपी में आने से पार्टी में केपी यादव की स्थिति खराब होने लगी. जनवरी 2022 में तो यादव ने अपनी उपेक्षा पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा था.
सिंधिया-केपी यादव के बीच अभी भी मनमुटाव कायम
कृष्णपाल यादव ने पत्र में लिखा, "हमारी पार्टी विश्व का सबसे बड़ा राजनैतिक दल है. यह हमारे लिए गौरव और गर्व का विषय है, लेकिन कुछ समय से मेरे लोकसभा क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक प्रदेश के मंत्री और उनके समर्थक नेताओं द्वारा पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत परंपराओं का प्रचलन शुरू किया गया है. इस वजह से कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है और आम जनता में भी गलत संदेश जा रहा है."
इस पत्र के बाद पार्टी ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों पक्षों से बात की और विवाद का पटाक्षेप कराया था. लेकिन, कहा जा रहा है कि अंदर ही अंदर दोनों के बीच मनमुटाव कायम है. राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि दोनों के इस झगड़े से अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ग्वालियर-चंबल इलाके में नुकसान हो सकता है.
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