MP Politics: बड़े भाई दिग्विजय सिंह पर लक्ष्मण सिंह का तंज, कहा- 'कांग्रेस जीती तब EVM पर क्यों नहीं उठाए सवाल?'
EVM Controversy: ईवीएम की विश्वसनीयता को पर पूर्व CM दिग्विजय सिंह लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. बीते दिनों उनके निवास पर दिल्ली आईआईटी के अतुल ने ईवीएम से कथित छेड़छाड़ का डेमो दिखाया था.
Bhopal News: राघोगढ़ किले में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. किले के अंदर का आपसी मनमुटाव अब बाहर आने लगा है. एक दिन पहले पहले लक्ष्मण सिंह ने अपने बड़े भाई पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ईवीएम पर लगाए गए आरोपों पर सवाल खड़े किए हैं. राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के बयान पर तंज करते हुए उनके भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा कि जब कांग्रेस जीती, तब उन्होंने सवाल क्यों नहीं उठाए.
गुना जिले के कुंभराज में मीडिया से चर्चा के दौरान पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने कहा कि जब मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी तब ईवीएम पर सवाल क्यों नहीं उठाया? उन्होंने कहा कि कि राहुल गांधी तय करें कि कांग्रेस दलालों से चलेगी या फिर कार्यकर्ताओं से. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि ईवीएम खराब थी तो फिर हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस कैसे जीत गई? उन्होंने कहा कि कुछ मशीनें खराब हो सकती हैं, सब नहीं. ईवीएम पर दोष मढ़ना गलत है. ऐसी बातें करके हम आने वाले लोकसभा चुनाव में अपने ही कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा रहे हैं.
दिग्विजय सिंह ने लगाए थे ये आरोप
चार दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे. वर्तमान में राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सरकार का फैसला मतदाता नहीं, बल्कि ईवीएम का सॉफ्टवेयर तय करता है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है, दबाव में है. चुनाव आयोग से हम निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं. ईवीएम का सारा काम प्रावइेट लोगों के हाथ में है. जब सॉफ्टवेयर ही सब करता है तो वही सॉफ्टवेयर तय करेगा सरकार किसकी बनेगी.
'सवालों के जबाव नहीं देता चुनाव आयोग'
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भोपाल स्थित निवास पर कहा था कि 140 करोड़ की आबादी वाले देश में, जहां 90 करोड़ मतदाता हैं तो क्या हम ऐसे लोगों के हाथ में ये सब तय करने का अधिकार दे दें? पूरी इलेक्शन प्रोसेस का मालिक न मतदाता है, न अधिकारी-कर्मचारी हैं. इसका मालिक सॉफ्टवेयर बनाने और डालने वाला है. पूर्व सीएम ने कहा कि सवालों के जवाब चुनाव आयोग नहीं दे रहा है. आयोग कहता है कि 7 सेकंड के लिए वीवीपैट दिख जाता है, लेकिन वो जो दिखता है वही छपता है इसकी क्या गारंटी है?
डैमो कर दिखाया कैसे होती है गड़बड़ी?
दिग्विजय सिंह के निवास पर आयोजित हुई पत्रकार वार्ता के दौरान आईआईटी दिल्ली के अतुल पटेल ने मतदान प्रक्रिया का डेमो दिया था. इस दौरान एक ईवीएम में 10 वोट डाले गए थे. उन्होंने बताया कि 2017 में वीवीपैट का ग्लास बदल दिया गया था. वोट डालने के बाद 7 सेकेंड के लिए वीवीपैट में लाइट जलती है. वोटर पर्ची देखकर चला जाता है. अतुल पटेल ने मशीन की गड़बड़ी को दिखाने के लिए एक चिन्ह तरबूज को दो वोट डाले. पहला तरबूज की पर्ची वीवीपैट में दिखी. दूसरा वोट तरबूज का बटन दबाने के बावजूद सेब की पर्ची प्रिंट हुई. अतुल ने कहा कि 2013 से चुनावी प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के इन सवालों पर ही उन्हीं के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने सवाल खड़े किए हैं.
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