MP: मध्य प्रदेश में नर्सिंग परीक्षा पर रोक बरकरार, जानिए क्या है पूरा मामला, क्यों लगी रोक?
MP Nursing Examination: नर्सिंग परीक्षा पर लगी अंतरिम रोक हटाने से अभी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने इंकार कर दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी.
Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में नर्सिंग परीक्षा पर लगी अंतरिम रोक आगे भी बरकरार रहने वाली है. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस, सत्येंद्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने यह आदेश देते हुए बेहद तीखी टिप्पणी में कहा कि,"हम हैरान हैं कि किस तरह के लोग सरकार चला रहे हैं, जिनको आमजन के स्वास्थ्य की बिल्कुल भी चिंता नहीं है."अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को रखी गई है.
हाईकोर्ट की किए गए थे सवाल
दरसअल,एडवोकेट दिलीप कुमार शर्मा ने एक जनहित याचिका दायर करते हुए मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के उन दो नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई थी, जिसके आधार पर 100 से अधिक कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को सत्र 2019-20 एवं 2020-21 के लिए संबद्धता प्रदान की गई. 27 फरवरी को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने बीएससी (नर्सिंग) और पोस्ट बेसिक बीएससी परीक्षा पर अंतरिम रोक लगा दी और यूनिवर्सिटी से जवाब तलब किया था. आपको बता दें कि बुधवार को मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी,जबलपुर द्वारा नर्सिंग कॉलेजों को बैकडेट से संबद्धता देने पर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने सख्त नाराजगी जताई. इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह से डिवीजन बेंच ने पूछा कि जिन 20 हजार बच्चों को बैकडेट से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है, वह किस तरह से औचित्यपूर्ण हैं. जब सरकार के पास कोई रिकॉर्ड तक नहीं है. इसके साथ ही सीबीआई की जांच भी चल रही है. ऐसी स्थिति में बताएं कि यूनिवर्सिटी ने किस आधार पर इन कॉलेजों को संबद्धता दी है. कोर्ट ने महाधिवक्ता को यह भी बताने के लिए कहा कि कॉलेजों को मान्यता कैसे दी गई ? जिन छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई, क्या उन्होंने कॉलेज में जाकर पढ़ाई की है? क्या संबद्धता देने के लिए प्रक्रिया का पालन किया गया है?याचिका पर अगली सुनवाई अब 25 अप्रैल को होगी.
ग्वालियर बेंच परीक्षाओं पर लगाई थी रोक
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में 28 फरवरी 2023 से नर्सिंग परीक्षाएं शुरू होने वाली थी. परीक्षा से ठीक 24 घंटे पहले हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने इस पर रोक लगा दी. एक जनहित याचिका में नर्सिंग कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता देने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद कोर्ट ने बीएससी नर्सिंग,बीएससी पोस्ट बेसिक और एमएससी नर्सिंग की परीक्षा पर रोक लगा दी थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि नर्सिंग कॉलेजों में पुराने शिक्षण सत्र की मान्यता गलत तरीके से दी गई है. इस मामले को लेकर शासन और कुछ नर्सिंग कॉलेजों ने छात्रों के भविष्य का हवाला देकर उच्च न्यायालय से नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक हटाने के लिए गुहार लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने ऐसा करने से पूरी तरह इनकार कर दिया.
सीबीआई कर रही है 35 नर्सिंग कॉलेजों की जांच
इसके पहले सितंबर 2023 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर संभाग के नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया था. हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने ग्वालियर-चंबल में मौजूद 35 नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई से करने के निर्देश दिये थे. सीबीआई जांच अभी भी पूर्ण नहीं हुई है. मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने प्रदेश में सत्र 2019-20 में 520 कॉलेजों को संबद्धता दी थी. इन कालेजों में ग्वालियर के 35 कालेज भी शामिल थे. 35 में से एक कॉलेज की संबद्धता के रिकॉर्ड की जांच कराई गई. अतिरिक्त महाधिवक्ता ने रिकॉर्ड की जांच कर उससे जुड़ी गड़बड़ियां हाई कोर्ट में बताई थी, जिसके बाद संबद्धता के पूरे मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया.
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