MP Regional Industry Conclave: रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उद्योगपतियों और श्रमिकों के लिए बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों और मजदूरों का साथ मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि उद्योग धंधों को शुरू करने के लिए सरकार मध्य प्रदेश में अनुकूल माहौल बना रही है. ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सबसे पहला उदाहरण इंदौर के हुकुमचंद मिल का दिया.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि हुकुमचंद मिल के 7 हजार मजदूर 30 सालों से पेंशन और ग्रेच्युटी की कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे. हक की लड़ाई के दौरान 2 हजार मजदूर परलोक सिधार गये. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहला काम मजदूरों का किया. हुकुमचंद मिल के 5 हजार मजदूरों को 200 करोड़ राशि देने का ऐलान किया. कोर्ट में लंबित मुकदमे भी सरकार ने वापस ले लिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन में विनोद विमल मिल के मजदूरों का हक भी सरकार ने दिलाया. दो मिलों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में उद्योग धंधे लगाने वाले उद्योगपतियों का सरकार स्वागत करती है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि विपरीत परिस्थितियों में भी मध्य प्रदेश की सरकार उद्योगपतियों और मजदूरों का साथ नहीं छोड़ने वाली है. मजदूरों और उद्योगपतियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री का ऐलान
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ग्वालियर के जेसी मिल मजदूरों को भी देनदारी देने का ऐलान किया है. उन्होंने बताया कि देनदारी को अदा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हुकुमचंद और विनोद विमल मिल के श्रमिकों को राशि दी गई है. उद्योग लगाने के लिए दी गयी जमीन भी सरकार को वापस मिल गयी है. जमीन पर अब नया प्रयोग करने पर सरकार विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि जमीन की कीमत भी काफी अधिक हो गई है. ऐसे में मजदूरों को दी गई राशि से सरकार को कोई घाटा होने वाला नहीं है.
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