Gwalior: इस पहाड़ी के नाम से सिंधिया परिवार की बहू को लगता है डर, पहली बार लोगों के बीच पहुंचीं प्रियदर्शिनी
Priyadarshini Scindia: सिंधिया राज परिवार की महारानी प्रियदर्शनी राजे पहली बार शाही महल से पैदल निकलकर लोगों के बीच पहुंचीं. उन्होंने कैंसर पहाड़ी का नाम बदलने के लिए लोगों से सुझाव मांगे.
Jyotiraditya Scindia Wife: सिंधिया राज परिवार की महारानी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की पत्नी प्रियदर्शनी राजे (Priyadarshini Raje) आज सुबह अचानक शाही महल जयविलास पैलेस (Jai Vilas Palace) से पैदल ही सड़कों पर घूमने निकल गईं. उन्होंने एक किलोमीटर दूर आम लोगों से मुलाकात कर कैंसर पहाड़ी का नाम बदलने पर चर्चा की. उन्होंने लोगों से नया नाम सुझाने को भी कहा. उन्होंने कहा कि कैंसर का नाम सुनकर ही डर लगता है. लिहाजा नाम को बदला जाना चाहिए.
पहली बार लोगों के बीच पैदल पहुंची प्रियदर्शिनी राजे
पहला मौका है जब प्रियदर्शनी सड़कों पर पैदल घूमते लोगों को दिखीं. उन्होंने कहा कि कैंसर हरी-भरी पहाड़ी है. सैकड़ों लोग सेहत के लिए रोज सुबह घूमने आते हैं. लेकिन नाम की वजह से डर लगने लगता है. अभी भी लोग कैंसर का नाम सुनकर डर जाते हैं. कैंसर के नाम को बदला जाना चाहिए. उन्होंने कैंसर पहाड़ी पर मौजूद लोगों से नाम भी सुझाने की अपील की. उन्होंने कहा कि कैंसर अधिकृत नाम नहीं है. लोगों के बोलने की वजह से नाम पड़ गया. अब नाम बदलने का सबको प्रयास करना चाहिये. हम लोगों के पहल करने पर नए नाम को लोकप्रियता मिल जाएगी.
कैंसर पहाड़ी का नया नाम सुझाने पर मांगी राय
प्रियदर्शनी राजे ने कहा कि मैं ग्वालियर की बहू हूं. मुझे यहीं रहना है और सबसे सीखना भी है. हमें प्रयास करना होगा कि ग्वालियर कैसे विकसित हो. ग्वालियर हम सबका घर है. मौके पर मौजूद ज्यादातर लोगों ने संजीवनी पहाड़ी नाम सुझाया. मांडरे की माता के मंदिर से शिवपुरी और झांसी रोड तक फैली विशाल पहाड़ी पर कैंसर अस्पताल के कारण नाम कैंसर हिल हो गया. लोग इसे कैंसर हिल के नाम से ही पुकारने लगे. हरियाली से ओतप्रोत पहाड़ी के अनेक हिस्से पर कब्जा भी हो गया है. लोगों ने झोंपड़ियां और मकान भी बना लिए हैं. लेकिन अभी भी कई किलोमीटर तक पहाड़ी हरियाली से आच्छादित है और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं.