Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) से एक दिल को झकझोरने वाली घटना सामने आई है. मां की ममता का तो कहना ही क्या, लेकिन गरीबी की वजह से एक मां को भी अपना दिल पत्थर का करना पड़ा. यहां मजबूरी और गरीबी की वजह से एक मां ने अपने तीन साल के बच्चे को ट्रेन में छोड़ दिया. बच्चे के साथ मां ने एक भावुक करने वाला पत्र भी लिखा है. पत्र में उसने उसका पालन-पोषण करने में असमर्थ होने की बात बताई है. मां ने बच्चे को ग्वालियर-रतलाम एक्सप्रेस के एक कोच में छोड़ दिया और वहां से चली गई. चिट्ठी में महिला ने ऐसी बातें लिखीं हैं जिसे पढ़कर किसी की भी आंखों में आंसू आ जाएंगे.
मूक-बधिर है बच्चा
इस लावारिस बच्चे को अकेला पड़ा हुआ देखकर यात्रियों ने तुरंत टीटीई को इसकी जानकारी दी. इसके बाद वहां कई लोग बच्चे को देखने के लिए इकट्ठे हो गए. ट्रेन जैसे ही ग्वालियर स्टेशन पर पहुंची तो चाइल्ड लाइन की टीम को बुलाया गया. अधिकारियों ने बच्चे को शिशु गृह में भिजवा दिया है. महिला का पता लगाया जा रहा है. यात्रियों ने बताया कि वह गुना से ट्रेन में चढ़ी थी लेकिन बच्चे को छोड़कर कहां उतरी ये किसी ने नहीं देखा. उधर मेडिकल टेस्ट में पता चला कि बच्चा न बोल सकता है न ही सुन सकता है. बच्चे को छोड़ने की ये वजह भी हो सकती है.
क्या लिखा है पत्र में
महिला ने पत्र में लिखा है कि, उसके पति की मौत हो चुकी है और उसके चार बच्चे हैं. उसने आगे कहा कि वह बहुत गरीब है और बच्चे के लिए दूध नहीं खरीद सकती है. उसने लिखा कि यह बच्चा सिर्फ दूध पीता है इसलिए मैं इसके लिए दूध नहीं खरीद सकती हूं क्योंकि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं. मेरे लिए तीन बच्चों को पालना ही बहुत मुश्किल है ऐसे में मैं इस चौथे बच्चे को कैसे पालूं. बहुत मजबूरी में मुझे इसे यहां छोड़ना पड़ रहा है क्योंकि इस बच्चे को अनाथालय में कोई नहीं ले रहा है. महिला ने विनती करते हुए कहा है कि इस बच्चे को अनाथालय में पहुंचा दिया जाए.