MP Election 2023: मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधान सभा चुनाव होने हैं. ऐसे में तमाम सियासी दलों के बीच खींचतान शुरू हो गई है. बीजेपी समर्थक सिंधियों की सामाजिक संस्था भारतीय सिंधु सभा (Bhartiya Sindhu Sabha) और प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी 31 मार्च को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर शहीद हेमू कालानी जन्म शताब्दी समारोह में शिरकत करने वाले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को प्रसन्न करने के जतन कर रहे हैं और देशभर से एक लाख सिंधी भाषियों को जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.


वहीं दूसरी तरफ ग्वालियर सिंधी समाज ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बीजेपी पर सिंधियों की उपेक्षा का आरोप लगा दिया है. यही नहीं ग्वालियर सिंधी समाज ने इस दौरान राहुल गांधी और कमलनाथ का साथ देने की घोषणा भी कर डाली है. बता दें कि ग्वालियर सिंधी समाज जनसंघ के दौर से ही बीजेपी से जुड़ा रहा है और ऐसे में अचानक उसके बदलते तेवर ने बीजेपी को चिंता में डाल दिया है.


'BJP शासन में उपेक्षित महसूस कर रहा सिंधी समाज'


दरअसल ग्वालियर बीजेपी के निवर्तमान जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और भोपाल के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश मीरचंदानी ने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात ने सियासी सूबे की सरगर्मियां बढ़ा दी हैं. ग्वालियर सिंधी समाज ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि सिंधी समाज अब बीजेपी शासन में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है. बीजेपी के निवर्तमान जिला अध्यक्ष को समय पूरा होने से पहले ही पद से ठीक उसी तरह मुक्त कर दिया गया जिस तरह भोपाल में जिला बीजेपी अध्यक्ष विकास वीरोनी को किया गया था.


MP चुनावों में कांग्रेस को देंगे समर्थन: सिंधी समाज


बता दें कि इस प्रेस कांफ्रेंस में जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष दिनेश पुरूस्वानी, दिलीप पंजवानी, श्याम रोहरा और जिला अध्यक्ष डा.देवेन्द्र शर्मा मौजूद रहे. सिंधी समाज के नेताओं ने बीजेपी पर लगातार सिंधी समाज की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार के मध्य प्रदेश चुनावों में उनका वोट कांग्रेस को जाएगा. श्याम रोहरा ने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर राजनीति न करते हुए राहुल गांधी औऱर कमलनाथ के हाथ मजबूत किए जाएंगे. 


चुनाव में सिंधी समाज की महत्वपूर्ण भूमिका!


इस बीच ग्वालियर जिला बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रहे कमल माखीजा ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात की और उन्हें सिंधी समाज की नाराजगी का ब्यौरा दिया. वहीं बीजेपी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश मीरचंदानी ने भी बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की और उन्हें पार्टी के सिंधी नेताओं की उपेक्षा किए जाने और सिंधी समाज में नाराजगी की जानकारी दी. दरअसल सिंधी समाज का दावा है कि पूरे प्रदेश में कपड़े, किराना, अनाज और बर्तनों के थोक बाजार की बागडोर सिंधियों के हाथ है और ऐसे में चुनाव में सिंधी समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है.


अब सिंधी समाज के इन बगावती तेवरों को देखकर बीजेपी टेंशन में आ गई है. पिछले चुनावों में भी सिंधियों की नाराजगी के कारण कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो गई थी और कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. ऐसे में अगर इस बार भी सिंधी समाज कांग्रेस के साछ हो गई तो बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.


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