Vyapam Scam: व्यापम घोटाले के दो 'मुन्नाभाइयों' को चार साल की सजा, ग्वालियर की CBI कोर्ट का फैसला
MP News: व्यापम घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत का बड़ा फैसला आया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 15 दिसंबर 2015 को एक मामला दर्ज किया था.
Gwalior Special Court News: व्यापम घोटाले (Vyapam Scam) से जुड़े एक मामले में ग्वालियर की स्पेशल कोर्ट ने दो लोगों को चार वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. मामला पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2012 से संबंधित है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने अजय प्रताप सिंह और नरोत्तम सिंह धाकड़ को व्यापम से संबंधित एक मामले में दोषी करार दिया. आवेदक और परीक्षा देने वाला सॉल्वर को चार वर्ष कठोर कारावास के साथ 8100 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई.
15 दिसंबर 2015 को दर्ज हुआ था मामला
बता दें कि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 15 दिसंबर 2015 को एक मामला दर्ज किया था. केंद्र अधीक्षक ने पुरानी छावनी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को सूचित किया था कि अनुक्रमांक संख्या 270599 पर एक दूसरे नाम का शख्स परीक्षा में उपस्थित हुआ है.
व्यापम घोटाला में दो लोगों को 4 साल की सजा
पुलिस ने अजय प्रताप सिंह को परीक्षा केंद्र पर वास्तविक उम्मीदवार नरोत्तम धाकड़ की जगह परीक्षा देते पकड़ा. पूछताछ में अजय प्रताप सिंह ने नरोत्तम धाकड़ की जगह परीक्षा देना स्वीकार कर लिया. सीबीआई के हवाले पुरानी छावनी पुलिस स्टेशन, ग्वालियर में दर्ज अजय प्रताप सिंह और नरोत्तम धाकड़ पर दर्ज मामले की जांच का जिम्मा था. जांच के दौरान खुलासा हुआ कि वास्तविक उम्मीदवार नरोत्तम धाकड़ की जगह पर पुलिस सिपाही भर्ती 2012 की परीक्षा में दो मध्यस्थों की व्यवस्था की गई थी.
सीबीआई की विशेष अदालत का बड़ा फैसला
हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान पर विशेषज्ञ की राय से भी साबित हुआ कि अजय प्रताप सिंह वास्तविक उम्मीदवार नरोत्तम सिंह धाकड़ के स्थान पर परीक्षा दे रहा था. जांच पूरी कर सीबीआई ने ग्वालियर की स्पेशल कोर्ट में दोनों आरोपियों और दो मध्यस्थों के खिलाफ 09 सितंबर 2016 को पूरक आरोप पत्र दायर किया था.
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