Madhya Pradesh: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi) की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सर्वे रिपोर्ट की कॉपी हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष को दी गई है. इस सर्वे रिपोर्ट में तहखानों से सनातन धर्म से जुड़े सबूत मिलने का दावा किया जा रहा है. ऐसे में ज्ञानवापी मामले में चल रहे अटकलों के बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(ASI) की रिपोर्ट पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) ने अपना बयान दिया है.
प्रह्लाद सिंह पटेल ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि 'ASI देश की वह संस्था है जिसकी प्रतिष्ठा देश के बाहर भी है. अगर कही पुरातत्व से संबधित या रिसर्च की जरूरत पड़ती है, तो हमारे रिटायर्ड अफसरों को विदेशों में बुलाया जाता है. इसलिए मुझे लगता है कि ASI की रिपोर्ट के अपने मायने हैं. साथ ही न्यायालय ने जो रास्ता तय किया है, उस पर बिना किसी टिप्पणी के हमें विश्वास करना चाहिए. राम जन्मभूमि का रास्ता भी उसी आधार पर निकला था, तो अभी अनुमान लगाना ठीक नहीं होगा.'
एएसआई सर्वे रिपोर्ट में क्या मिला?
बता दें एएसआई सर्वे रिपोर्ट की कॉपी 839 पन्ने की है, ASI सर्वे ज्ञानवापी में 92 दिनों तक चला था. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सर्वे रिपोर्ट में स्वस्तिक के निशान, नाग देवता के निशान, कमल पुष्प के निशान, घंटी के निशान, ओम लिखा हुआ निशान, टूटी हुई विखंडित हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां भारी संख्या में मिली हैं. इसके साथ ही मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष मिले हैं. वहीं GPRS द्वारा जो सर्वे हुआ है उसमें विखंडित शिवलिंग मिले हैं.