MP News: बनारस के ज्ञानवापी विवाद पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में कहा है कि जब तक इस विवाद का पटाक्षेप नहीं हो जाता, तब तक देश के हर गांव से एक-एक शिवलिंग लाकर बनारस में प्रतीक स्वरूप पूजन किया जाएगा. कुल ग्यारह लाख शिवलिंग बनारस लाये जाएंगे. स्वामी जी ने कहा कि हमारे देवता ज्ञानवापी में प्रकट होकर भी पूजित नहीं है. इससे देश की सनातनी जनता दुखी है.
यहां बताते चलें कि वाराणसी जिला कोर्ट ने शुक्रवार (21 जुलाई) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई (ASI) सर्वे पर बड़ा फैसला दिया. हिन्दू पक्ष की ओर से वुजुखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वे कराने की मांग को वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण की विशेष कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. हिंदू पक्ष की ओर से विवादित वुजुखाने के हिस्से को छोड़कर पूरे मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वे यानी एएसआई सर्वे की मांग की गई थी.
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि प्रतीक के रूप में अभी भी शिव पूजा की जा रही है. जल्द ही देश से 11 लाख शिवलिंग जमा करके काशी में प्रतीक के रूप ने पूजा की जाएगी.
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, "ज्ञानवापी में भगवान शिव प्रकट हुए लेकिन उन्हें छुपाकर रखा गया. सर्वे के दौरान पता चला कि शिवजी हैं. कुछ लोग न्यायालय चले गए. न्यायालय ने कहा कि सुरक्षित किया जाए. विपक्षी सुप्रीम कोर्ट चले गए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिवलिंग का ड्यू प्रोटेक्शन किया जाए. हमारे यहां गाय, बच्चे, इंसान का प्रोटेक्शन करना होगा तो भोजन देना होगा. इसी तरह मूर्ति का प्रोटेक्शन करना है तो पूजा करनी होगी."
उन्होंने आगे कहा कि,"ब्रम्हलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी ने उन्हें आदेश दिया की वहां जा कर पूजा करो. हम गए वहां लेकिन पुलिस वालों ने हमको रोक दिया. हम वहां 5 दिन तक बिना पानी-खाना के रहे. हमारे देवता प्रकट होकर भी पूजित नहीं है.सनातनी जनता दुखी है. इसलिए हमने शंकराचार्य जी के आदेश से हजारों जगह प्रतीक के रूप में पूजा शुरू करवाई है. अभी हमने तय किया है प्रत्येक गांव से एक शिवलिंग इकट्ठा करके करीब 11 लाख शिवलिंग पूरे भारत से इकट्ठा करके काशी में प्रतीक के रूप में पूजन अर्चन किया जाएगा."