Uma Bharti On Gyanvapi Verdict: उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी में जिला अदालत द्वारा ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में पूजा के अधिकार की याचिका की सुनवाई करने के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी की नेता उमा भारती ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा "जब-जब वाराणसी गई, तब तब मैं नंदी के कान में बोलती थी कि कब तक इधर देखोगे? कोई रास्ता तो निकालो." पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा- "मुस्लिम समाज न्यायालय के फैसले को और सबूतों को स्वीकार करे."
मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम ने कहा- "देश में इस्लाम के साथ आया हुआ कट्टरपंथी एलीमेंट हमारे अंदर भी कट्टरवाद का एलिमेंट भर रहा है. हिंदू समाज से रिक्वेस्ट है कि वो अपनी उदार प्रवृत्ति को न छोड़ें. बीजेपी नेता ने कहा- "मुस्लिम कट्टरपंथी समाज, मुसलमानों पर भारी है."
उन्होंने कहा- अब जब सिर तन से जुदा की बात हो रही है तो क्या आमिर, शाहरुख और सैफ अली खान को डर नहीं लग रहा है? उमा भारती ने कहा- "मैं जब एक बार फ्लाइट में नसीरुद्दीन शाह से सीट से उठकर उनकी एक फिल्म के लिए तारीफ करने गई, तो वो उठकर चले गए.मैं वो वाकया कभी नहीं भूलूंगी. आर्टिस्ट्स के अंदर नफरत का जहर भरा हुआ है, जो समय समय पर निकल के आता रहता है."
अदालत ने दिया ये फैसला
वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी. हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने मामले की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखने का निर्णय किया.
इस मामले में पांच महिलाओं ने याचिका दायर कर हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति मांगी थी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने ज्ञानवापी मस्जिद को वक्फ संपत्ति बताते हुए कहा था कि मामला सुनवाई योग्य नहीं है.
जिला न्यायाधीश ने पिछले महीने इस मामले में आदेश 12 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.