MP News: मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने इन्फ्लूएंजा (H3N2) से निपटने की तैयारी और सतर्क रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं. डॉक्टर मानते हैं कि थोड़ी सी सावधानी और सुरक्षा उपाय कर इस नये वायरस से बचा जा सकता है. हालांकि अब इसका असर मध्य प्रदेश में व्यापक पैमाने पर असर देखने को नहीं मिल रहा है.
कोरोना वायरस के स्पेशलिस्ट डॉक्टर रोनक एलची के मुताबिक इनफ्लुएंजा वायरस भी स्वाइन फ्लू जैसा ही है. इसे कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू के बीच का वायरस कहें तो गलत नहीं होगा. डॉक्टर एलची ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सचेत रहने के निर्देश आ चुके हैं. इसे लेकर तैयारियां भी कर ली गई है. उन्होंने बताया कि यह वायरस भी लोगों के संपर्क में आने से फैलता है. इसके प्रमुख लक्षण बुखार, सर्दी, खांसी, सिर दर्द, दस्त लगना आदि है.
ऐसे बचा जा सकता है नए वायरस से
कोरोना की तरह ही सतर्क और सावधानी बरतते हुए इनफ्लुएंजा वायरस बचा जा सकता है. उदाहरण के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ-साथ हाथ मिलाने से परहेज करें. सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकें. एक दूसरे के साथ एक ही थाली में भोजन करने से परहेज करें. मास्क लगाएं और नाक को अच्छी तरह ढंक लें. आंख और नाक छूने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें.
डॉ एचपी सोनाने के मुताबिक अपनी इम्यूनिटी बढ़ाकर भी वायरस से निपटा जा सकता है. जिस प्रकार से कोरोना से निपटने के लिए लोगों ने व्यायाम, योग आदि का सहारा लिया था, इसी प्रकार इस वायरस से भी निपटने के लिए व्यायाम, योग महत्वपूर्ण साधन है. इसके अलावा सुपाच्य भोजन करने, अधिक से अधिक मात्रा में पानी और फलों का जूस पीने के जरिए भी इनफ्लुएंजा वायरस से निपटा जा सकता है.
बुखार और सिर दर्द पर केवल यह दवा
इनफ्लुएंजा वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक अपील भी जारी की गई है, जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि बुखार और सिरदर्द होने पर सिर्फ पेरासिटामोल दवाई लेना चाहिए. इसके अलावा अन्य एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह बेहद आवश्यक है.
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