मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में सोमवार को हुई ओलावृष्टि ने खड़ी फसलों को तबाह कर दिया है.इसी तरह बारिश ने भी जमकर कहर बरपाया है.किसान अब मदद के लिए शासन की ओर ताक रहा है.हालांकि,सरकार की तरफ से प्रशासन को नुकसान के सर्वे के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी मांगों को लेकर सोमवार से तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर हैं.इससे सर्वे में अड़चन आने की संभावना व्यक्त की जा रही है.


बारिश और ओलों ने किसानों को डाला संकट में


यहां बता दें कि बीते एक सप्ताह से लगातार बदलते मौसम के बीच सोमवार शाम को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई.कई स्थानों पर जमकर ओले गिरे.ओले पूरे खेत मे ऐसे बिछ गई जैसे वहां बर्फ की खेती हो रही हो.किसान सुबह से फसल के ऊपर जमी बर्फ निकाल रहे थे ताकि नुकसान कम हो.


वहीं,रात होते ही एक बार फिर जोरदार बारिश ने किसानों की चिंता और भी बढ़ा दी.दरअसल पिछले एक हफ्ते से रुक-रुक कर हो रही बारिश से फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन सोमवार को हुई ओलावृष्टि और देर रात हुई मूसलाधार बारिश ने नुकसान की आशंका को कई गुना बढ़ा दिया. 


किन फसलों को हुआ है बारिश और ओलों से नुकसान


गौरतलब है कि जबलपुर जिले के मझोली,पाटन,कटंगी और शहपुरा क्षेत्र में किसान बड़े पैमाने पर गेहूं की फसल पैदा करते हैं.चने की फसल भी इस साल काफी बेहतर स्थिति में थी.जिले में गेहूं की फसल पककर कटने की स्थिति में पहुंच गई है.होली के बाद किसान फसल काटने की तैयारी में था, लेकिन अब बारिश और ओलावृष्टि से फसल के सड़ने की आशंका है. कटंगी के किसान राकेश जैन का कहना है कि ओलावृष्टि से खड़ी फसल बर्बाद हो गई है.अभी नुकसान का आंकलन नहीं हुआ है, लेकिन किसान के लिए इससे उबरना मुश्किल है.


कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर रवि अमर वंशी का कहना है कि जिन तीन तहसीलों के गांवों में ओलावृष्टि की सूचना प्राप्त हुई है.इन तहसीलों के प्रभावित गांवों में जल्द ही कृषि विभाग की टीम के साथ राजस्व विभाग की टीम सर्वे करेंगी.


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