Hanuman Jayanti 2022: सीहोर के इस गांव स्थापित है हनुमान जी आठी फीट उंची प्रतिमा, यहां दर्शन मात्र से दूर हो जाते हैं भक्तों के कष्ट
Hanuman Jayanti 2022: देश में आज हनुमान जयंती का त्योहार मनाया जा रहा है. ऐसे में हम आपको सीहोर में हनुमान जी की सबसे ऊंची प्राचीन प्रतिमा के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसकी कहानी बड़ी रोचक हैं.
Hanuman Jayanti 2022: देश में आज हनुमान जयंती का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. सीहोर के मंदिरों में भी पूजा-अर्चना शुरू हो गई है और कई जगहों पर भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है. वैसे तो सीहोर जिले में हनुमान जी के कई प्राचीन मंदिर एवं चमत्कारिक प्रतिमाएं विद्यमान है. लेकिन इछावर ब्लॉक के गांव भाऊंखेड़ी का इस मामले में एक विशेष स्थान है. क्योंकि यहां ,सैकड़ों साल पुराने शिवालय में हनुमान जी की सबसे ऊंची आठ फिट प्राचीन प्रतिमा स्थापित है. कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त दर्शन के लिए आता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
मंदिर में दर्शन से दूर हो जाते हैं सभी कष्ट
वहीं हनुमान जी की इस प्रतिमा को लेकर गांव के लोगों का कहना है कि हमारे पूर्वजों को भी नहीं पता था की मंदिर में ये हनुमान जी की प्रतिमा कितनी पुरानी है. लेकिन पुरातन काल के दौरान साधु महात्माओं का यहां डेरा हुआ करता था. वो इस मंदिर में चातुर्मास बिताया करते थे. ग्रामीण प्रेम नारायण लखन पटेल ने बताया कि, हमारे बुजुर्ग कहा करते थे कि एक बार चोरो ने संतो को बेहद परेशान किया कर दिया था. जिसके बाद संतो ने हनुमान जी की आराधना की और यहां तक कह डाला कि अगर आपने हमारा कष्ट दूर नहीं किया और चोरों को नहीं भगाया तो हम यहीं पर गौ हत्या करने लगेंगे.
ऐसे स्थापित हुई थी हनुमान जी की प्रतिमा
कहा जाता है कि भक्तों की पुकार सुनकर हनुमान जी प्रकट हुए उन्होंने तीन चोरों को मारकर भगा दिया और संतो को संकट से मुक्त किया. बताया जा रहा है कि उन भागते चोरों के पैरों के निशान आज भी मन्दिर परिसर से पश्चिम दिशा नाहरखाड़ी के बीच बने हुए है. वहीं मंदिर में बनी हनुमान प्रतिमा की कलाकृति देखने लायक है. ये प्रतिमा पूरी पत्थरों पर बनी हुई है.
मंदिर परिसर में एक विशाल कुंड है बारिश के दिनों में जब ये कुंड पूर्ण रूप से भर जाता है तो ग्रामीण ये अंदाजा लगा लेते हैं कि अब क्षेत्र में भरपूर बारिश हो चुकी है. वहीं कुंड से जब पानी सीधे भगवान शंकर के शिवलिंग को डुबो देता है, तो ये माना जाता है कि आने वाला साल फसलों के लिए लाभकारी होगा और क्षेत्र में फसलों पर किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा नहीं आएगी.