Hanuman Ashtami: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) से हनुमान का गहरा नाता रहा है. यही वजह है कि उज्जैन में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) और हनुमान अष्टमी (Hanuman Ashtami) पर 108 हनुमान मंदिरों की यात्रा होती है. इस यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. यह भी कहा जाता है कि भगवान श्रीराम का जब तिलक हुआ था तब हनुमान उज्जैन से ही पवित्र जल ले गए थे.


धार्मिक नगरी उज्जैन भगवान श्री महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) और शक्तिपीठ मां हरसिद्धि के अलावा हनुमान मंदिरों के नाम से भी जानी जाती है. उज्जैन शहर में 108 प्राचीन हनुमान मंदिर हैं. ऐसी मान्यता है कि इन हनुमान मंदिरों की यात्रा करने से हर मनोकामना पूरी होती है. 


बाबा बाल हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित सुलभ शर्मा के मुताबिक भगवान श्री राम और हनुमान का उज्जैन से गहरा नाता रहा है. वनवास के दौरान भी भगवान श्री राम और लक्ष्मण के साथ हनुमान उज्जैन आए थे. इसके अलावा जब भगवान श्री राम का राजतिलक हो रहा था उस समय हनुमान सभी पवित्र नदियों का जल लेकर उज्जैन से जा रहे थे. इसी दौरान महाकालेश्वर मंदिर के कोटि तीर्थ पर रुके और यहां पर सभी नदियों का पवित्र जल कोटि तीर्थ में प्रवाहित करते हुए यहां से एक लोटा जल ले गए थे. आज भी इसी कोटि तीर्थ के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक होता है.


महाकाल भी रंगे हनुमान के रंग में 
प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में आज भगवान महाकाल का हनुमान स्वरूप में श्रृंगार किया गया. वर्ष में एक बार ऐसा अद्भुत श्रृंगार देखने को मिलता है. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी दिनेश बताते हैं कि हनुमान का महाकालेश्वर मंदिर से संबंध रहा है. वे जब उज्जैन से गुजरे तो उनके लोटे का भार अधिक बढ़ गया था, जिसके बाद उन्होंने यहां रुक कर भगवान महाकाल के दर्शन किए और इसके बाद वे कोटि तीर्थ जल से भगवान श्रीराम का अभिषेक करने के लिए रवाना हुए.


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