MP News: विश्व प्रसिद्ध प्राचीन से खजराना गणेश मंदिर पर इस बार भी गणेश उत्सव को लेकर उत्साह है, जहां 1771 में इस प्राचीन मंदिर के जीर्णोद्धार होने के साथ ही यह धर्मस्थल श्रद्धालुओं के लिए अब तीर्थ स्थल का रूप ले चुका है. खजराना गणेश मंदिर पर मनाए जाने वाले गणेश उत्सव को लेकर मंदिर के पुजारी अशोक भट्ट ने जानकारी दी. 


मंगलवार को पूरे देश में गणेशोत्सव की शुरुआत होने जा रही है इसी कड़ी में इंदौर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर पर भगवान गणेश को चार करोड़ के स्वर्ण और रजत के आभूषण पहनाए गए. वहीं कलेक्टर द्वारा नई ध्वजा अर्पित करने के साथ दस दिवसीय गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत की गई. 
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत भगवान गणेश की आराधना से की जाती है. आम हो या खास हर कोई भगवान गणेश की प्रार्थना के साथ ही अपने कामों की शुरुआत करता है. इसी कड़ी इस साल 19 सितंबर 2023 के दिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी के साथ ही गणेश उत्सव का पर्व आरंभ हो रहा है.


खजराना गणेश मंदिर में हर साल ये पर्व बेहद ही धूम धाम से मनाया जाता है, जहां इस साल होने वाले गणेश उत्सव की तैयारियां ज़ोरों-शोरों से की गई थी. मंदिर के अन्न क्षेत्र में भगवान खजराना गणेश के भोग के लिए सवा लाख मोदक का निर्माण किया गया , जिसके लिए राजस्थान से विशेष हलवाइयों को बुलाया गया. जो दिन रात काम कर भोग प्रसादी का निर्माण कर रहे हैं.


इंदौर के खजराना गणेश मंदिर देश और विदेश में भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. प्रत्येक वर्ष यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, वही 10 दिन गणेश उत्सव बेहद खास है जिसकी तैयारियां पूरी हो गई हैं. इंदौर का खजराना गणेश मंदिर देश के धनाढ्य गणेश मंदिरों में शामिल है. यहां देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ विदेशों से भी श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. गणेश चतुर्थी पर्व पर भगवान गणेश का विशेष तौर से श्रृंगार किया गया .


प्रातः पांच बजे से अभिषेक और पूजन अर्चन तथा श्रृंगार शुरू किया गया . जहां भगवान गणेश को चार करोड़ के स्वर्ण और रजत के आभूषण पहनाए गए. यहां 10 दिन में करीब 10 लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है. खजराना गणेश मंदिर में गणेश उत्सव के चलते विशेष विद्युत सज्जा की गई है. फूल बंगला भी सजाया गया है. वही मंदिर परिसर में अलग-अलग जगहों पर विशेष सजावट की गई है. श्रद्धालुओं को भगवान खजराना गणेश के दर्शन में किसी भी तरह की परेशानियां न हो इसके लिए श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकासी के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. वहीं भगवान गणेश के सामने चार अलग-अलग जिससे बनाकर लाइने तैयार की गई हैं, जिससे आसानी से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. 


मान्यताओं के अनुसार, पूर्व में ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले ग्राम खजराना के एक स्थानीय पंडित मंगल भट्ट को सपने में भगवान गणेश ने दर्शन देकर उन्हें मंदिर निर्माण के लिए कहा था. उस समय होलकर वंश की महारानी अहिल्या बाई का राज था. पंडित ने अपने स्वप्न की बात रानी अहिल्या बाई को बताई. जिसके बाद रानी अहिल्या बाई होलकर ने इस सपने की बात को बेहद गंभीरता से लिया और स्वप्न के अनुसार उस जगह खुदाई करवाई. खुदाई करवाने पर ठीक वैसी ही भगवान गणेश की मूर्ति प्राप्त हुई जैसा पंडित ने बताया था. इसके बाद यहां मंदिर का निर्माण करवाया गया. आज भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होने से इस मंदिर को विश्व स्तर की ख्याति प्राप्त हो चुकी है.