Harda Firecrackers Factory Blast: मध्यप्रदेश के हरदा में हुए भीषण हादसे के बाद इंदौर जिला कलेक्टर ने भी पूरे जिले में अलर्ट जारी कर दिया है. कलेक्टर के निर्देश के बाद सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र में निकले और पटाखा फैक्ट्री में जाकर जांच की. अधिकारियों द्वारा राऊ के बापू कृपा फायर वर्क्स का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान सुरक्षा मानकों की पूर्ति नहीं पाए जाने पर मौके पर ही फैक्ट्री को सील करने की कार्रवाई की गई. 


4 पटाखा गोदामों को किया सील
महू क्षेत्र के विभिन्न पटाखा गोदामों की सघन जांच की गई. सब डिवीजन महू में पटाखा के गोडाउन और उनकी दुकानों की जांच में सुरक्षा के सभी उपकरणों, पानी, रेती, वेंटिलेशन आदि व्यवस्था एवं लाइसेंस की शर्तों, क्षमता के अनुसार स्टॉक का मिलान आदि बिंदुओं पर जांच की गई. यहां लगभग 15 लाइसेंस धारियों की जांच की गई. जिसमें 4 स्थानों के गोदामों को आगामी कार्रवाई तक सील किया गया है.


जिन गोदामों को सील किया गया है उनमें रवि फायर वर्क्स सुरेश फेरवानी अंबाचंदन,  फर्म श्याम सुंदर जसवानी अंबाचंदन,  लक्ष्मी फायर वर्क्स इंडस्ट्री प्रो नरेश बालचंदानी दतोदा,  लक्ष्मी फायर वर्क्स प्रो. जमनादास बालचंदानी शामिल हैं. इन चारों फर्म्स के सभी लाइसेंस के गोदाम को सील किया गया है. 


सीएम ने उच्च स्तरीय बैठक ली
आपको बता दें कि हरदा के भीषण हादसे में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. वही इस मामले में अब प्रदेश के सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है. हरदा में हुई धमाकों की गूंज से उस वक्त पूरा इलाका हिल गया जब दोपहर में हरदा में बारूद के ढेर में भीषण विस्फोट हुआ. पटाखे की फैक्ट्री में हुए विस्फोट के कारण कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं. वहीं सैकड़ो लोग घायल भी हैं.


इस भीषण हादसे के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उच्च स्तरीय बैठक लेकर पूरे प्रदेश में कलेक्टरों को निर्देश जारी किए थे कि सभी कलेक्टर अपने-अपने जिलों में इस बात को सुनिश्चित करें कि उनके यहां जो पटाखे बनाए जा रहे हैं उनके कारखानों में पूरी सुरक्षा के साथ काम हो रहा है या नहीं. 


सभी जिला एसडीएम को पटाखा गोदामों की जांच के आदेश
इस निर्देश के मिलने के बाद इंदौर में भी कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र में दौरा करने के लिए रवाना किया और निर्देश दिए कि उनके क्षेत्र में यदि बारूद से विस्फोटक सामग्री बनाई जाती है या पटाखे बनाए जाते हैं तो उनका कारखाने में जाकर बारीकी से जांच की जाए. जांच के दौरान यह देखा जाए कि कारखाना खोलने की जब अनुमति दी गई तो कितने नियमों के पालन को सुनिश्चित करने को कहा गया था और इसमें से कितने नियम का पालन कारखाना मालिक द्वारा किया जा रहा है.


अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि अगर कोई कारखाने में लापरवाही मिले तो उस पर तुरंत सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए. इस आदेश के बाद इंदौर के सभी तहसीलों में एसडीएम रवाना हुए और अपने-अपने क्षेत्रों में जांच की.


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