Harda Factory Blast: हरदा पटाखा फैक्ट्री में लगी आग थमने के बाद अब चारों तरफ तबाही के मंजर नजर आ रहा है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस प्रशासन सहित अन्य बचाव दल राहत कार्य में जुटे हुए हैं. जबकि इस हादसे में कई परिवार के परिवार ही तबाह हो गए हैं. पीड़ित एक बुजुर्ग महिला के बेटे और बहू की इस आगजनी की घटना में मौत हो गई है.
बुजुर्ग महिला रामकुमार बाई ने पटाखा फैक्ट्री की घटना को लेकर बताया कि उनके बेटे मुकेश और बहू उषा इस हादसे में मौत हो गई. इसी तरह फैक्ट्री के समीप ही रहने वाले अरुण राजपूत ने बताया कि उनका मकान फैक्ट्री के ही नजदीक था, जो हादसे में हादसे में पूरी तरह तहस-नहस हो गया. जबकि उनकी पत्नी आरती राजपूत और तीन बच्चे घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. अरुण राजपूत ने बताया कि तन पर पहने कपड़े के सिवा उनके पास कुछ नहीं बचा है.
100 से ज्यादा दमकलों ने बुझाई आग
पीड़ितों और प्रत्यक्षदर्शियों से हादसे की कहानी सुन रोंगटे खड़ो हो जाते हैं. पटाखा फैक्ट्री में लगी आग पर काबू पाने के लिए मौके पर पूरी रात 100 से ज्यादा दमकल की गाड़ियां मौजूद रहीं और आग पर लगातार पानी डालते रहे. इस दौरान लगातार सुतली बम सहित बारूद फटते रहे. हादसे की गंभीरता को देखते हुए 11 जिलों की 130 से ज्यादा एंबुलेंस मौके पर मौजूद रहीं और घायलों को हरदा जिला अस्पताल सहित, भोपाल और इंदौर के अस्पताल में पहुंचाया.
अब तक 217 लोग घायल
बताया जा रहा है कि इस हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 217 लोग घायल हैं. इनमें 51 फैक्ट्री के मजदूर शामिल हैं. 73 लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं. 38 घायलों को हरदा से रेफर किया गया, जबकि 95 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
वाराणसी से आई स्पेशल टीम
जिस बेसमेंट में बारूद रखा था और मजदूर काम कर रहे थे, उसका मलबा हटाया जा रहा है. इसके लिए वाराणसी से नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की 35 सदस्यीय टीम बुलाई गई है. इधर घायलों से मिलने के लिए जीतू पटवारी सहित अन्य कांग्रेस नेता अस्पताल पहुंच रहे हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव भी हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट के पीड़ितों से मिलने अस्पताल पहुंचे.
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