Hartalika Teej 2022: अखंड सौभाग्य के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत, राजवाड़ा में जागरण कर भजनों पर किया नृत्य
Indore News: हरितालिका तीज का निर्जला व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा रखा था. यही कारण है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती कि आराधना की जाती है.
Madhya Pradesh News: भारत के साथ दुनिया भर मे हरितालिका तीज का उपवास हर साल गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले मनाया जाता है. इस दिन देवो के देव कहे जाने वाले भगवान शिव और माता पार्वती कि पूजा अर्चना कर निर्जला व्रत रख सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य कि कामना करती है. वहीं युवतियां अच्छे जीवन साथी के प्राप्ती के लिए भगवान शिव की आराधना करती है. ऐसे में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में भी यह त्योहार बड़े ही धुमधाम से मनाया गया.
हरितालिका तीज पर भव्य आयोजन
दरअसल देश और दुनिया भर में मनाये जाने वाले हरितालिका तीज के निर्जला व्रत को इन्दौर में भी मंगलवार को सुहागिन महिलाओं और युवतियों के द्वारा बड़ी धूम धाम से मनाया गया. सुहागिन महिलाओं ने जहां सोलह श्रृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती कि पूजा आराधना और कथा सुनकर अखंड सौभाग्यवती होने कि कामना कि तो वहीं अविवाहित युवतियों ने भगवान से अच्छे वर कि कामना की है. हर बार की तरह इस वर्ष भी लोक संस्कृति मंच के द्वारा रात्रि के समय राजवाड़ा में आयोजित हरितालिका तीज के त्योहार के भव्य आयोजन का हिस्सा बनने के लिए हजारों कि संख्या में महिलाएं और युवतियां पहुंची.
इन लोगों ने लिया हिस्सा
सोलह श्रृंगार किए हुए महिलाओं और युवतियों ने पहले तो भगवान शिव और माता पार्वती कि पूजा अर्चना कि उसके बाद भव्य आयोजन का हिस्सा बन रात भर भजन कीर्तन कर नाचते-गाते हुए भक्ति मय गीतों का आंनद लिया. वहीं इस मौके पर इंदौर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव व बीजेपी के क्षेत्रीय विधायक आकाश विजयवर्गीय भी पहुंचे. जहां पर उनके द्वारा मंच से कई भजन भी गाए गए जिसपर महिलाएं झूमती थिरकती नजर आई.
कब से शुरू हुई हरितालिका तीज
कहा जाता है हरितालिका तीज का निर्जला व्रत सर्व प्रथम माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा रखा था. यही कारण है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना कि जाती है और व्रत करने वाली महिलाएं और युवतियां भगवान शिव और माता पार्वती की कथा सुनकर भजन करती है. वहीं मना जाता है हरितालिका तीज का ये व्रत करवाचौथ के व्रत से भी ज्यादा कठिन होता है. क्योंकि करवाचौथ के व्रत का समापन चांद को देखने के बाद हो जाता है. लेकिन हरितालिका तीज का ये निर्जला व्रत अगले दिन भगवान कि पूजा अर्चना करने के बाद ही समाप्त होता है. वहीं ये भी मान्यता है कि जो भी महिलाएं और युवतियां इस व्रत को करती है उन कि हर एक मनोकामना पूर्ण होती है. वे पार्वती जी के सामान ही सुख पूर्वक शिव रमण करके शिव लोक को जाती है.
ये भी पढ़ें