MP BJP Vikas Yatra: मध्य प्रदेश सरकार ने अपने विकास की गाथा गांव-गांव तक गाने के लिए रविवार से 'विकास यात्रा' कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसके तहत गांव-गांव अधिकारी और मंत्री लोगों के बीच पहुंच रहे हैं. रायसेन जिले के दीवानगंज इलाके में रविवार, 5 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी प्रशासन के लाव-लश्कर के साथ निनोद और जमुनिया गांव पहुंचे. हालांकि, उन्होंने जैसा सोचा था, वैसा हुआ नहीं. जमुनिया गांव में मूलभूत समस्याओं से परेशान जनता ने उन्हें घेर लिया और स्वास्थ्य मंत्री को ग्रामीणों की नाराजगी का सामना करना पड़ गया.


नाराज महिलाओं ने मंत्री को गाड़ी से उतरने पर किया मजबूर
गांव की नाराज महिलाओं ने स्वास्थ्य मंत्री के काफिले को रोककर उन्हें अपनी गाड़ी से उतरने को मजबूर कर दिया. उसके बाद मंत्री अपनी लग्जरी कार से उतर कर जनता के बीच पहुंचे और उनकी समस्याएं सुनीं. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को गंदगी और पानी की समस्या से परेशान महिलाओं ने खूब खरी-खोटी सुनाई. वहीं, सरकार के बेलगाम अफसर, मंत्री के सामने ही जनता पर अपना रौब झाड़ते नजर आए. 


रायसेन एसडीएम ने दिया अजीबोगरीब जवाब
रायसेन एसडीएम गलत लहजे में परेशान महिलाओं से पेश आते नजर आए. गांव में सड़क पर गंदा पानी बहने की समस्या जब महिलाओं ने एसडीएम को बताई, तो अधिकारी ने जवाब दिया कि गंदगी की सफाई करना हमारा काम नहीं है. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी सूझबूझ से नाराज महिलाओं और लोगों को समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया. उसके बाद किसी तरीके से उनका वाहन अगले गांव की ओर निकल पाया.


अच्छा काम होने के किए जा रहे थे दावे, खुली पोल
विकास यात्रा के जरिए बड़े-बड़े दावे लेकर जब सरकार के नुमाइंदे जनता के बीच पहुंच रहे हैं, तब उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनी वास्तविक हकीकत का पता चल रहा है. कागजों में बढ़िया सड़कें और अच्छी नालियां बनने के दावों की पोल खोलने वाली यह घटना सरकार को नींद से जगाने के लिए काफी है, क्योंकि चुनाव में अभी साल भर का समय भी नहीं रह गया है. 


सरकार चाहे तो लोगों से जुड़ी मूलभूत समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दे सकती है, जिसका फायदा आने वाले चुनावों में सत्ताधारी पार्टी को मिल सकता है. वहीं, ऐसी समस्याओं को सरकार और प्रशासन नजरअंदाज करता रहेगा तो आने वाले चुनावों में इसका खामियाजा भी एक बार फिर बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है.


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