MP News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) में पीएससी (PSC) मामले में सुनवाई 10 फरवरी तक के लिए टल गई है. राज्य सरकार द्वारा दो दिन के भीतर जवाब पेश न करने के कारण सुनवाई आगे बढ़ाई गई है. मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने अगली सुनवाई गुरुवार 10 फरवरी के लिए निर्धारित कर दी है. इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई से जस्टिस पुरुषेन्द्र कुमार कौरव ने खुद को अलग कर लिया है, क्योंकि पूर्व में वे महाधिवक्ता रहते सरकार की ओर से पैरवी कर चुके है.


अगली सुनाई में नहीं होंगे जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव
अब अगली सुनवाई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की उस बेंच के सामने होगी,जिसमें सदस्य जज़ बतौर जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव नहीं होंगे. यह मामला मेरिट के लिए पूर्व में बनाये गए असंवैधानिक नियम लागू कर पीएससी परीक्षा-2019 का रिजल्ट घोषित करने के आरोप से संबंधित है. इस सिलसिले में पहले से विचाराधीन 45 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है. इन याचिकाओं में पीएससी नियमों की संवैधानिकता एवं प्रारंभिक परीक्षा-2019 के घोषित परिणाम की वैधता को चुनौती दी गई है.


क्या है पूरा मामला
याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि उक्त असंवैधानिक नियमों के तहत कुल आरक्षण 113 प्रतिशत हो गया था.ये नियम आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को अनारक्षित, ओपन सीट पर माइग्रेट करने से रोकते थे. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद 20 दिसम्बर, 2021 को इन नियमों को पीएससी ने निरस्त कर दिया था.
इसी बीच उक्त याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 31 दिसम्बर, 2021 को पुराने नियम लागू कर मुख्य परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए.याचिकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा और अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने दलील दी कि पीएससी ने संशोधित नियमों को दरकिनार करके मुख्य परीक्षा 2019 के परिणाम जारी किए,जो असंवैधानिक है.लिहाज ये परिणाम निरस्त किये जाएं.


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