जबलपुर (Jabalpur) के निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी (Fire Safety) समेत अन्य संसाधन नहीं होने पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने सुनवाई की. याचिका पर राज्य सरकार की तरफ से अदालत में जवाब पेश किया गया. सुनवाई के दौरान बेहद चौंकानेवाला मामला पेश आया. हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि निलंबन की कार्रवाई में घिरे डॉक्टर ही निजी अस्पतालों की जांच कर रहे हैं. सरकार के जवाब में बताया गया है कि जबलपुर में संचालित हो रहे निजी अस्पतालों का निरीक्षण लगातार जारी है.
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चौंकानेवाला मामला
मापदंडों को पूरा न करने वाले निजी अस्पतालों पर कार्रवाई भी की जा रही है. 1 अगस्त को न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल (New life Multispeciality Hospital) में हुए अग्निकांड मामले पर लापरवाही बरतनेवाले सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुरारिया को निलंबित कर दिया गया है. जबलपुर में अग्निकांड वाले अस्पताल का निरीक्षण करने वाले तीन डॉक्टरों के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार किया गया है. याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में राज्य सरकार की तरफ से पेश किए गए जवाब में एक बड़ी खामी का उल्लेख किया.
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निलंबन की कार्रवाई में घिरे डॉक्टर बने जांचकर्ता
अधिवक्ता विशाल बघेल ने कहा कि राज्य सरकार के जवाब के मुताबिक जिन तीन डॉक्टरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार किया गया है, उन्हीं तीन डॉक्टरों को बाकी अस्पतालों के निरीक्षण की टीम में शामिल कर दिया गया है. दलील सुनते ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर गहरी नाराजगी जताई. हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार अब 22 अगस्त को शपथ पत्र दायर कर बताए कि डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है? मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को नियत की गई है.
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आपको बता दें कि 1 अगस्त को निजी अस्पताल में आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई थी. अग्निकांड में आठ जिंदगी लेने वाले न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की अनुमति पर कई सनसनीखेज खुलासे हुए थे. खुलासे बतलाते हैं कि अस्पताल फायर एनओसी के बिना बिल्डिंग में संचालित हो रहा था.