PESA Act के उल्लंघन पर एमपी सरकार को हाई कोर्ट का नोटिस, मंडला में रेत खनन को लेकर जताई आपत्ति
Jabalpur News: मंडला जिले के जनपद उपाध्यक्ष ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें 'पेसा एक्ट' के तहत प्रबंधित क्षेत्रों में रेत और अन्य खनिजों के बदस्तूर जारी खनन को रोकने की मांग की गई है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 'पेसा एक्ट' की धारा 6 के उल्लंघन को लेकर राज्य सरकार और माइनिंग विभाग सहित लगभग सात जिलों के कलेक्टर को नोटिस जारी किए हैं. मामला पेसा एक्ट 1996 की धारा 6 के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में खनन से जुड़ा है. याचिका में मंडला जिले में रेत का ठेका लेने वाले वंशिका कंस्ट्रक्शन कंपनी पर भी कई आरोप लगाए गए है. कोर्ट ने सभी अनावेदकों को चार हफ्ते में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.
बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 'पेसा एक्ट' ने जमकर सुर्खियां बटोरी थी. तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान सरकार में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा मध्य प्रदेश में 'पेसा एक्ट' को प्रभावशील करने की घोषणा की गई थी. अब मंडला जिले के जनपद उपाध्यक्ष संदीप सिंगौर द्वारा हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है, जिसमें 'पेसा एक्ट' के तहत प्रबंधित क्षेत्रों में रेत और अन्य खनिजों के बदस्तूर जारी खनन को रोकने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ता ने दी ये दलील
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह और विनायक प्रसाद साह ने कोर्ट में दलील दी कि सरकार ने वंशिका कंस्ट्रक्शन को नियम के खिलाफ अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्र मंडला जिले की 26 खदानों से रेत निकालने के लिए तीन साल का ठेका दे दिया है. जबकि मंडला, डिंडोरी, धार, झाबुआ, शहडोल और बड़वानी जिले की खदानों को राष्ट्रपति द्वारा 'पेसा एक्ट' के तहत अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है.
इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के खनन के लिए संबंधित ग्राम पंचायतों से अनुमति और अनापत्ति लेना जरूरी है, लेकिन वंशिका कंस्ट्रक्शन द्वारा लगातार हैवी मशीनें लगाकर रेत उत्खनन किया जा रहा है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि वंशिका कंस्ट्रक्शन द्वारा प्रति डंपर 12 से 15 टन की अनुमति का भी उल्लंघन कर रेत निकालकर 50 टन तक के बड़े-बड़े डंपरों से परिवहन किया जा रहा है. कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए सभी अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.