MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अवैध फीस वसूली करने और नकली किताब से पढ़ाई करवाने वाले निजी स्कूल संचालकों को राहत देने से इनकार किया है. जबलपुर के स्कूल संचालकों ने पुलिस जांच और गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसपर गुरुवार को सुनवाई की गई.
इस दौरान कोर्ट की तरफ से कहा गया कि अपराध बेहद गंभीर है और जांच शुरुआती दौर में है. लिहाजा पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती.
21 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस
बता दें कि अवैध फीस वसूली को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के 11 निजी स्कूलों से जुड़े 51 आरोपियों के खिलाफ 80 एफआईआर दर्ज करवाई थी. इसमें से 21 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. जबलपुर पुलिस ने सभी को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में पेश किया, कुछ लोगों को जेल भेजा गया, जबकि कुछ गुरुवार तक पुलिस रिमांड पर थे.
स्कूल संचालकों ने जांच पर रोक लगाने की थी मांग
स्कूल संचालकों ने पुलिस की जांच और गिरफ्तारी पर रोक को लेकर एमपी हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच में याचिका दायर की, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने स्कूल संचालकों के द्वारा अभिभावकों से मांगी गई फीस को गंभीर माना है. कोर्ट ने 11 स्कूलों के 21 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने की बात भी कही है. वहीं हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से कार्रवाई को लेकर विस्तृत जवाब मांगा है. कोर्ट ने अब इस मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्तों बाद तय की है.
निजी स्कूल संचालकों को राहत देने से इनकार
हाईकोर्ट में स्कूलों की ओर से कहा गया कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है और वो जांच में सहयोग करने तैयार हैं लेकिन उन पर पुलिस कार्रवाई न की जाए. शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि स्कूलों ने अवैध रूप से केवल अतिरिक्त फीस ही नहीं वसूली है, बल्कि बुक सेलर्स से सांठगांठ कर फर्जी किताबें सिलेबस में लगाने का अपराध भी किया है.
सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि अगर आरोपी स्कूल संचालकों और उनके गठजोड़ पर पुलिस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि पुलिस और प्रशासन को अभी उनके स्कूलों से और भी कई दस्तावेज जब्त करने हैं. इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट जस्टिस विशाल धगट की कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों को राहत देने से इनकार कर दिया है.
कलेक्टर जबलपुर ने दिए ये निर्देश
बता दें कि जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर पुलिस-प्रशासन और शिक्षा विभाग ने पूरे जिले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 60 से अधिक स्कूलों में जांच करवाई. जिसमें 11 स्कूलों में गंभीर लापरवाही पाई गई थी. इसके साथ ही जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निजी स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं और अभिभावकों से पुस्तक का आएसबीएन नंबर जांचने का अनुरोध किया है. उन्होंने बताया कि सेंट अलॉयसिस स्कूल पोलीपाथर की कक्षा नर्सरी की आठ किताबों में एक ही आईएसबीएन दर्ज पाया गया है.
इनमें आईएसबीएन फर्जी होना पाया गया है. छात्रों और अभिभावकों से अनुरोध है कि वह अपनी पुस्तकों के आईएसबीएन को चैक करें और विसंगति की जानकारी स्कूल का नाम, कक्षा और फ़ोटो सहित कलेक्टर जबलपुर के व्हाट्सअप नम्बर 7587970500 पर भेजें. कलेक्टर ने आईएसबीएन की सर्च लिंक भी दी है.
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