भोपाल: आज यह सुनकर और पढ़कर बड़ा अजीब लगेगा कि क्या किसी पेड़ को भी हाई लेवल सिक्योरिटी (High Leable Security) व्यवस्था दी जा सकती है. इसका जवाब है, हां. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन जिले में स्थित विश्वधरोहर सांची (Sanchi) जहां अपने स्तूपों के लिए प्रसिद्ध है, वही सांची के नजदीक ही भगवान बुद्ध (Gautam Buddha) की स्मृति का बोधिवृक्ष स्थापित किया गया है. जिसकी चौबीसों घंटे सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहती है.


रायसेन में किसने लगाया था बोधिवृक्ष


यह बोधिवृक्ष बौद्ध धर्म मानने वालों की आस्था का केंद्र है. वही यह पर्यावरण संतुलन का भी अद्भुत संदेश देता है. बोधिवृक्ष की सुरक्षा के लिए उसके आसपास गार्ड तैनात हैं, जो उसकी निगरानी करते रहते हैं. यदि इसकी एक पत्ती भी सूख जाती है तो नीचे से लेकर ऊपर तक विभाग में हलचल मच जाती है. हर 14-15 दिन में विशेषज्ञ इस वृक्ष का मेडिकल चेकअप करते हैं.



इस वृक्ष के इतना महत्वपूर्ण होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह वृक्ष बोधिवृक्ष के रूप में जाना जाता है. श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने 2012 में भारत आकर इस वृक्ष का रोपण किया था. बौद्ध धर्म अनुयायियों के लिए यह केवल कोई सामान्य वृक्ष नहीं बल्कि उनकी आस्था का प्रतीक है.


क्यों महत्वपूर्ण है बोधिवृक्ष


जब हम हाई सिक्योरिटी की बात करते हैं तो हमें केवल वीवीआईपी लोग ही नजर आते हैं, लेकिन इस बोधिवृक्ष की खासियत यह हैं कि यह वीवीआईपी से भी बढ़कर अपना स्थान रखता है. सन 2012 में सांची में आयोजित भव्य समारोह में श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बोधिवृक्ष को रोपित किया था. उसके बाद से ही इसे बौद्ध धर्म का यह एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है. बौद्ध मान्यताओं के मुताबिक इसी प्रकार के बोधिवृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को तत्व ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसीलिए बोधिवृक्ष का महत्वपूर्ण स्थान है.


सांची नगर परिषद, पुलिस, राजस्व विभाग, उद्यानिकी और पर्यावरण से जुड़े तमाम विभाग इसकी सुरक्षा और व्यवस्था पर निरंतर नजर बनाए रखते हैं. 


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