Damoh School Hijab Controversy: मध्य प्रदेश के दमोह के गंगा-जमना स्कूल हिजाब मामले में पुलिस ने बुधवार को 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज की. जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है वे लोग स्कूल के प्रबंधन कमेटी से जुड़े हैं. पुलिस ने यह एफआईआर इस मामले में मु्ख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर बनी जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर दर्ज कराई गई है. जांच समिति ने पाया है कि स्कूल में हिंदू छात्रों को नमाज और कुरान पढाई जाती थी.यहां तक की कुरान की आयतें याद करने का होमवर्क दिया जाता था.
जांच टीम ने क्या पाया है
जांच टीम ने अपनी कार्रवाई में तीन हिंदू छात्रों के बयानों को काफी महत्वपूर्ण माना है. इन छात्रों के बयान के मुताबिक स्कूल में हिंदू छात्रों को नमाज और कुरान पढाई जाती थी.यहां तक की कुरान की आयतें याद करने का होमवर्क दिया जाता था. इसके लिए स्कूल कमेटी दवाब बनाती थी. स्कूल के अंदर घुसने पर हिंदू छात्रों से कलावा उतरवा दिया जाता था. वहीं तिलक लगाने पर पाबंदी लगाई गई थी. जांच के दौरान एक छात्रा ने यह भी बताया है कि शुक्रवार को स्कूल में नमाज पढ़वाई जाती थी. हिंदी और संस्कृत जैसे विषय स्कूल में पढ़ाए ही नहीं जाते थे.अरबी भाषा पढ़ाते थे.जनगण मन गाने से मना किया जाता था. हिंदुओं को भी दुआ पढ़नी पड़ती थी. जांच टीम ने जिन बच्चों के बयान लिए हैं, वे आठ से 12 साल की आयु के हैं. पुलिस ने स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ धारा-295ए, 506, आईपीसी और जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस का क्या कहना है
इस मामले में दमोह के पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जांच के दौरान कमेटी के सामने तीन छात्राओं ने कुछ ऐसे बयान दिए गए, जिसके आधार पर पता चला कि यह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है. अभी जांच समिति की जांच जारी है. पुलिस का कहना है कि नाम गंगा-जमना होने के कारण कभी किसी ने सोचा नहीं कि यहां छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार हो सकता है.
राष्ट्रीय बाल आयोग की अनुसंशा
इस मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग की सदस्य प्रियंका कानूनगो ने दमोह के कलेक्टर से इस स्कूल की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा की है. उन्होंने कहा कि बच्चों पर इस्लामिक मान्यताएं थोपने समेत कई उल्लंघनों पर स्कूल की मान्यता खत्म कर दी जाएं. आयोग ने यह भी कहा है कि स्कूल ने भारत के नक्शे से भी छेड़छाड़ की है.
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