Indore News: इंदौर में किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज की ओल्ड बिल्डिंग उपेक्षा का शिकार है. ओल्ड बिल्डिंग के चारों ओर काले और लाल स्प्रे से लिखे संदेश मामले की गंभीरता को बढ़ा रहे हैं. कई वर्षों से जर्जर ऐतिहासिक धरोधर को भूतिया बंगले में तब्दील कर दिया गया है.


दीवारों पर "ओ स्त्री कल आना" जैसे भूतिया संदेश लिखे गए हैं. बताया जा रहा है कि हाल ही में युवाओं ने पार्टी की थी. पार्टी के दौरान ऐतिहासिक धरोहर की खूबसूरती को नष्ट करने का कोई मौका नहीं छोड़ा.


भूतिया माहौल ने इमारत को और भी डरावना बना दिया है. स्थानीय लोग अब "भूतिया बंगला" के नाम से जानने लगे हैं. किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज 1906 में स्थापित किया गया था. कॉलेज का नाम ब्रिटिश राजा किंग एडवर्ड VII के नाम पर रखा गया है. किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज की देखरेख का काम एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पास है. ऐतिहासिक मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. वर्तमान में चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं. 


 मेडिकल कॉलेज की ऐतिहासिक धरोहर उपेक्षा का शिकार


एडवर्ड मेडिकल कॉलेज दिनोंदिन जर्जर स्थिति में पहुंचता चला गया. आपको बता दें कि किंग एडवर्ड मेडिकल स्कूल की वर्षों पुरानी इमारत को लाइब्रेरी में बदलने की योजना बनाई गई है. लाइब्रेरी पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एक करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है.


इमारत का पुनर्विकास करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तैयार की गई है. डीन डॉ संजय दीक्षित ने कहा कि इमारत चिकित्सा शिक्षा के विकास का प्रतीक है और जल्द पुनर्स्थापित किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने छात्रों के लिए खेल सुविधाओं को विकसित करने की योजना भी बनाई है. बैडमिंटन कोर्ट और अन्य खेल सुविधाओं के विकास पर लगभग एक करोड़ रुपये का खर्च आना तय किया गया है.


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